महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए मुआवजा वितरण के लिए 1700 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है. यह राशि 2023 में बारिश से प्रभावित किसानों को दी जाएगी. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने 27 जून को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 पेश की. सर्वेक्षण के अनुसार 2023-24 के दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुरूप 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. राज्य आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में राज्य का औसत हिस्सा सबसे अधिक 13.9 प्रतिशत है. वहीं, अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2023-24 के लिए सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 40 लाख 44 हजार 251 करोड़ होने की उम्मीद है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2023-24 के दौरान राज्य के लिए ‘कृषि और संबद्ध गतिविधियां’ क्षेत्र में 1.9 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र में 7.6 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. इसके अलावा, 2023-24 के अनुसार जीएसडीपी में राजकोषीय घाटे का प्रतिशत 2.8 प्रतिशत, जीएसडीपी में राजस्व घाटा 0.5 है.
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सिंचाई योजनाओं सहित विभिन्न योजनाओं और किसान समर्पित पहलों के कार्यान्वयन के अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जनवरी से अक्टूबर, 2023 के दौरान असामयिक/भारी बारिश से प्रभावित 22.74 लाख किसानों को 17 सौ करोड़ से अधिक का मुआवजा मंजूर किया गया है. रिपोर्ट में आगे उल्लेख किया गया है कि खरीफ-2023 के दौरान बारिश के अभाव की स्थिति के कारण 2 हजार 443 करोड़ से अधिक का मुआवजा मंजूर किया गया है.
विधानसभा सत्र का दौरा करने के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं लाने की योजना बना रही है, जिनमें से एक मध्य प्रदेश की तरह लाडली बहना योजना है. मैं इसका स्वागत करता हूं और लड़कों के लिए भी यह योजना लाने की मांग करता हूं. भेदभाव क्यों? आज महिलाएं कई घरों को चला रही हैं. लड़कियों और लड़कों दोनों को इसका लाभ मिलना चाहिए.
इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने राज्य में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा भी उठाया, "रिपोर्ट बताती है कि राज्य में औसतन प्रतिदिन नौ किसान आत्महत्या करते हैं और अमरावती में औसतन प्रतिदिन एक किसान आत्महत्या करता है. सीएम शिंदे ने कहा था कि किसानों की आत्महत्या नहीं होगी. हमारे सीएम एक अमीर किसान हैं, वे हेलीकॉप्टर से खेती करने जाते हैं. लेकिन राज्य सरकार की ओर से किसानों को 10,022 करोड़ रुपये का मुआवजा लंबित है. मैं मांग करता हूं कि सरकार को चुनाव से पहले किसानों को कृषि ऋण माफी देनी चाहिए.
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