पंजाब सरकार ने विवादास्पद लैंड पूलिंग पॉलिसी को सभी आगामी संशोधनों सहित आधिकारिक रूप से वापस ले लिया है. बता दें कि किसानों और राजनीतिक दलों के भारी विरोध बाद पंजाब सरकार ने इस पॉलिसी पर कदम वापस खींचे हैं. पंजाब सरकार के हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट विभाग ने प्रेस नोट जारी कर इसकी जानकारी दी है. इसमें बताया गया है कि नई लैंड पूलिंग पॉलिसी में जो भी फैसले लिए गए उन सभी फसलों को पंजाब सरकार ने वापस लिया है. हाईकोर्ट की ओर से भी इस पॉलिसी में खामियां बताते हुए रोक लगाई गई थी.
इसको लेकर आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस नीति के तहत की गई सभी कार्रवाइयां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं. इसमें जारी किए गए आशय पत्रों (LOI) को रद्द करना, पूरे किए गए पंजीकरण, या नीतिगत ढांचे के तहत लागू किए गए अन्य उपाय शामिल हैं. बता दें कि पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी का बड़े स्तर पर किसान विरोध कर रहे थे. सोमवार को ही इस नीति के खिलाफ अमृतसर में किसानों ने भारी संख्या में एक बाइक रैली भी निकाली थी.
लैंड पूलिंग पॉलिसी रद्द होने पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, ‘‘किसानों ने लैंड पूलिंग पॉलिसी का विरोध करके अपना पक्ष सही साबित कर दिया है, क्योंकि इससे न केवल वे कंगाल हो जाते, बल्कि पंजाब को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से नुकसान पहुंचता.’’ उन्होंने इस बात पर राहत जताई कि सरकार को सद्बुद्धि आ गई है. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए वारिंग ने कहा कि यह किसानों की जीत है और उन्होंने इस नीति के खिलाफ दृढ़ता से खड़े होने के लिए किसानों को बधाई दी, जिसका स्पष्ट उद्देश्य किसानों को बिना किसी मुआवजे और उनकी सहमति के लाखों-करोड़ों रुपये की जमीन लूटना है.
गौरतलब है कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब की लैंड पूलिंग पॉलिसी पर रोक लगाते हुए कहा था कि ये नीति जल्दबाजी में अधिसूचित की गई प्रतीत होती है और इसकी अधिसूचना से पहले सामाजिक प्रभाव आकलन और पर्यावरण प्रभाव आकलन सहित अन्य चिंताओं का समाधान किया जाना चाहिए था. न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और न्यायमूर्ति दीपक मनचंदा की खंडपीठ ने गुरुवार को आप सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी के क्रियान्वयन पर चार सप्ताह के लिए अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था. अपने आदेश में कोर्ट ने कहा था कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 बहु-फसलीय भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाता है और ऐसा अधिग्रहण केवल असाधारण परिस्थितियों में ही स्वीकार्य है.
(इनपुट- अमन भारद्वाज)
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