बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में मशरूम उत्पादन गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए आय का एक बेहतर साधन बनता जा रहा है. इससे वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों की एक बड़ी आबादी जुड़ी हुई है. साथ ही, बिहार सरकार मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लघु एवं सीमांत किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों और युवा उद्यमियों को उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही हैं. इसी कड़ी में, वर्ष 2025-26 के लिए बिहार सरकार ने मशरूम अवयव योजना के लिए 1396.75 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है.
उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को मशरूम उत्पादन और अवसंरचना निर्माण के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे ग्रामीण बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. साथ ही, बाजार की मांग के अनुरूप मशरूम उत्पादन सुनिश्चित किया जाएगा.
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि मशरूम अवयव योजना के तहत 1396.75 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं. वहीं पैडी/ऑयस्टर मशरूम किट की प्रति किट लागत 75 रुपये निर्धारित की गई है, जिस पर 90 प्रतिशत अनुदान, यानी 67.50 रुपये, प्रदान किया जाएगा. इसी तरह, बटन मशरूम किट की प्रति किट लागत 90 रुपये है, जिस पर 90 प्रतिशत अनुदान, यानी 81 रुपये, दिया जाएगा. वहीं, बाल्टी में मशरूम उत्पादन के लिए प्रति यूनिट लागत 300 रुपये है, जिस पर 270 रुपये का अनुदान निर्धारित किया गया है.
उन्होंने बताया कि पैडी/ऑयस्टर और बटन मशरूम के लिए प्रति किसान को न्यूनतम 25 और अधिकतम 100 किट दिया जाएगा, जबकि बाल्टी मशरूम के लिए न्यूनतम 2 और अधिकतम 10 किट की सीमा निर्धारित की गई है.
उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि विभाग द्वारा प्रति बैग (यूनिट) पर 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त, मशरूम हट निर्माण के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान किया गया है. इसके तहत प्रति यूनिट लागत लगभग 1.795 लाख रुपये होगी, जिस पर 50 प्रतिशत अनुदान, यानी 89,750 रुपये, प्रदान किया जाएगा. प्रत्येक किसान को अधिकतम एक हट का लाभ मिलेगा.
कृषि मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत सभी 38 जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें किसानों को मशरूम उत्पादन की तकनीक सिखाई जाएगी. साथ ही, इस योजना के लिए 1500 वर्ग फीट क्षेत्रफल पर आधारित तकनीकी मॉडल को स्वीकृति दी गई है. इसके अंतर्गत झोपड़ी निर्माण, भूसे की उपलब्धता, स्पॉन, पॉलीथिन बैग, उपकरण और मिट्टी आदि की व्यवस्था भी की जाएगी. सिन्हा ने कहा कि ‘मशरूम अवयव योजना’ किसानों की आय वृद्धि, नवाचार, स्थानीय स्व-सहायता और पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में बिहार सरकार की एक प्रभावी पहल है.
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