बुंदेलखंड के 10 जिलों की कृषि तस्वीर बदल देगी केन-बेतवा परियोजना, 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो सकेगी सिंचाई
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखण्ड की समृद्धि और विकास का नया अध्याय प्रारंभ हो गया है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के जरिए बुंदेलखण्ड के 10 जिलों के 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी.
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पीएम मोदी ने केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास किया.
केन-बेतवा नदी परियोजना की आधारशिला के साथ बुंदेलखंड के 10 जिलों की खेती की तस्वीर बदलने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस इलाके की 8 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खेती को सिंचाई दिक्कतें झेलनी पड़ती रही हैं. इसके नतीजे में किसानों को कम उत्पादन और अधिक लागत का बोझ ढोना पड़ा है. इस नदी परियोजना के जरिए 40 लाख से अधिक आबादी को शुद्ध पेयजल मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
बुंदेलखंड को सूखा के अभिशाप से मुक्ति का रास्ता मिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र नोदी ने आज 25 दिसंबर को मध्य प्रदेश के छतरपुर के खजुराहो में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की आधारशिला रखी है. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का उद्घाटन भी किया है. कहा गया है कि केन-बेतवा परियोजना के शिलान्यास के साथ ही बुंदेलखंड को मिले सूखा के अभिशाप से मुक्ति मिलने का रास्ता खुल गया है.
पीएम नरेन्द्र मोदी 44600 करोड़ लागत की देश की पहली केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना के शिलान्यास के साथ ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण किया है. इसके अलावा 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमिपूजन माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में स्टाम्प और सिक्का जारी किया गया है.
8 लाख हेक्टेयर खेती की सिंचाई दिक्कत दूर होगी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास पीएम मोदी कर रहे हैं. 25 दिसंबर को बुंदेलखण्ड की समृद्धि और विकास का नया अध्याय प्रारंभ हो गया है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के जरिए बुंदेलखण्ड के 10 जिलों के 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होगी सिंचाई एवं 40 लाख से अधिक आबादी को पेयजल मिलेगा.
केन बेतवा परियोजनाओं के लाभ
मध्यप्रदेश के 10 जिले छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर के 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र एवं उत्तरप्रदेश के 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी. परियोजना से कुल 65 लाख परिवारों को पेयजल की सुविधा मिलेगी.
जल विद्युत परियोजनाओं से हरित ऊर्जा में 130 मेगावॉट का योगदान एवं औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास और रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा. चंदेल कालीन लगभग 42 पुरातन तालाबों का विकास एवं पुनर्निर्माण होगा.
दौधन बांध के निर्माण से बाढ़ का बेहतर प्रबंधन संभव होगा.
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना
518 मेगावॉट क्षमता की यह परियोजना विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग परियोजनाओं में से एक है.
परियोजना से कृषि एवं उद्योग हेतु उपयोगी भूमि की बचत होगी.
जल संरक्षण और हरित ऊर्जा उत्पादन से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि को रोकने में सहयोग मिलेगा.
अटल ग्राम सुशासन भवन
अटल ग्राम सुशासन भवनों का निर्माण ग्राम पंचायतों को स्थायी भवन की सुविधा प्रदान करेगा.
ग्राम पंचायतों को प्रशासनिक कार्य करने, बैठकों के आयोजन एवं रिकॉर्ड प्रबंधन में सहायता मिलेगी.