मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की सरकार ने तेलंगाना के किसानों के हित में बड़ा कदम उठाया है. सीएम रेवंत रेड्डी की कैबिनेट ने 31,000 करोड़ रुपये का कृषि लोन माफ करने का फैसला किया है. इससे प्रदेश के लाखों किसानों को सीधा फायदा होगा. कहा जा रहा है कि प्रदेश के किसानों के 2 लाख रुपये तक के लोन माफ किए जाएंगे. यानी जिन किसानों ने 2 लाख रुपये या इससे कम कृषि लोन लिया है अब उन्हें बैंक को ब्याज सहित नहीं लौटाना पड़ेगा.
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को मंत्रिमंडल ने कृषि लोन माफ करने का फैसला किया है. वहीं, मंत्रिमंडल बैठक के बाद इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 15 अगस्त की समयसीमा से पहले एक बार में ही कृषि लोन चुका देगी. इस फैसले से राज्य के 47 लाख किसानों को लाभ मिलने की संभावना है. लोन माफी के लिए मुख्यमंत्री की रूपरेखा जल्द ही अधिसूचित की जाएगी. कृषि लोन माफी कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए प्रमुख चुनावी वादों में से एक था, जिसने उसे 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने में मदद की.
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मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि ऋण माफी योजना 15 अगस्त से पहले पूरी हो जाएगी. कांग्रेस पार्टी हमेशा अपने वादों पर कायम रहती है. सीएम ने कहा कि हमारी नेता सोनिया गांधी ने अलग तेलंगाना राज्य बनाने का वादा किया था और हमने इसे पूरा किया. इसी तरह राहुल गांधी ने 2022 में वारंगल में किसानों के घोषणापत्र के दौरान ऋण माफी का वादा किया था. हम इस वादे को भी पूरा करने जा रहे हैं. सरकार 12 दिसंबर, 2018 से 9 दिसंबर, 2023 तक लिए गए कृषि ऋणों को चुकाएगी. सरकार इस योजना के लिए आवश्यक धन जुटाने के लिए एक अलग निगम की स्थापना पर विचार कर रही है.
सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि केसीआर सरकार ने 10 वर्षों में 28,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किए हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने दोनों कार्यकालों में से प्रत्येक में चार चरणों में धन जारी किया. लेकिन हमने एक बार में बकाया चुकाने का फैसला किया है. वहीं, रायथु भरोसा योजना के संबंध में, कैबिनेट ने उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क के नेतृत्व में एक उप-समिति नियुक्त की है. पैनल के सदस्य कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव होंगे और ये हितधारकों के साथ चर्चा करने के बाद 15 जुलाई तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना की पारदर्शिता की कमी के कारण आलोचना की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार लाभार्थियों का पता लगाने और इसे पारदर्शी बनाने के लिए तौर-तरीके बताएगी. उन्होंने कहा कि सभी पात्र किसानों को वित्तीय सहायता मिलेगी. के चंद्रशेखर राव सरकार के दौरान रायथु बंधु योजना में काश्तकार किसानों को शामिल नहीं किया गया था, जो कृषक समुदाय का लगभग 17-20 प्रतिशत हिस्सा थे. किसान संघ मांग कर रहे हैं कि काश्तकार किसानों को भी इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए.
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