1 रुपया तो भिखारी भी नहीं लेता... फसल बीमा पर विवादित बयान देकर घिरे महाराष्‍ट्र के कृषि‍ मंत्री

1 रुपया तो भिखारी भी नहीं लेता... फसल बीमा पर विवादित बयान देकर घिरे महाराष्‍ट्र के कृषि‍ मंत्री

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने शुक्रवार को कहा कि एक रुपया ऐसी चीज है, जिसे भिखारी भी नहीं लेते, लेकिन सरकार उस राशि का फसल बीमा दे रही है, जिसका कुछ लोग दुरुपयोग कर रहे हैं. इस पर कुछ संगठनों ने किसान-भिखारी संबंध के लिए उनकी आलोचना की.

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1 रुपया तो भिखारी भी नहीं लेता... फसल बीमा पर विवादित बयान देकर घिरे महाराष्‍ट्र के कृषि‍ मंत्रीFasal Bima

महाराष्‍ट्र में राज्‍य सरकार एक फसल बीमा चलाती है, जिसके तहत किसानों को 1 रुपये के प्रीम‍ियम पर फसल का बीमा कवरेज मिलता है. इस योजना को लेकर राज्‍य के कृषि मंत्री के एक बयान की आलोचना हो रही है. उन्‍होंने योजना पर सरकार की दरि‍यादिली का बखान करते हुए भिखारी शब्‍द का इस्‍तेमाल किया, जिससे किसान नाराज हैं और उनके बयान पर किसान संगठनों ने आपत्ति जताई है. महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने शुक्रवार को कहा कि एक रुपया ऐसी चीज है, जिसे भिखारी भी नहीं लेते, लेकिन सरकार उस राशि का फसल बीमा दे रही है, जिसका कुछ लोग दुरुपयोग कर रहे हैं. इस पर कुछ संगठनों ने किसान-भिखारी संबंध के लिए उनकी आलोचना की. 

कोकाटे यहां एक कृषि प्रदर्शनी में मीडिया से बात करते हुए एक रुपये की फसल बीमा योजना पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार एक रुपये की योजना को बंद करके 100 रुपये की फसल बीमा योजना शुरू करने की योजना बना रही है, इसपर कोकाटे ने कहा कि इसे बंद करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार को कुछ निर्णय लेने होंगे.

आगे यह पूछे जाने पर कि क्या यह योजना किसानों की तुलना में बीमा कंपनियों के लिए अधिक फायदेमंद है तो इस पर कोकाटे ने कहा कि भिखारी भी एक रुपये की भीख नहीं लेता, लेकिन यहां हम एक रुपये में फसल बीमा दे रहे हैं. फिर भी कुछ लोग इसका दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें गड़बड़ि‍यां हैं, जैसे दूसरे राज्यों के लोग आवेदन कर रहे हैं. कोकाटे ने कहा कि हाल ही में जांच के बाद करीब 4 लाख आवेदन खारिज किए गए हैं.

इससे पहले गुरुवार को नागपुर में मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा कि महाराष्ट्र के सभी संभागों में किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए 'कृषि मंत्री कक्ष' बनाए जाएंगे. उन्होंने वनमती में किसानों से बातचीत करते हुए 'कृषि मंत्री कक्ष' स्थापित करने की घोषणा की. बैठक में कृषि, वन, आदिवासी कल्याण और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए. कोकाटे ने कहा कि किसान भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और सरकार ने उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. किसान नए-नए प्रयोग करके उत्पादन बढ़ा रहे हैं. कृषि विश्वविद्यालयों को किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित करनी चाहिए. (पीटीआई)

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