लोनधारकों की क्रेडिट हिस्ट्री अपडेट करने में देरी पर हर दिन 100 रुपये मुआवजा देंगी CIC, ईएमआई डिफॉल्ट और ड्यूज अलर्ट भी मिलेगा

लोनधारकों की क्रेडिट हिस्ट्री अपडेट करने में देरी पर हर दिन 100 रुपये मुआवजा देंगी CIC, ईएमआई डिफॉल्ट और ड्यूज अलर्ट भी मिलेगा

आरबीआई ने नियमों में बदलाव करते हुए कहा है कि लोनधारकों या कर्जदारों के क्रेडिट हिस्ट्री या क्रेडिट जानकारी अपडेट करने में देरी के लिए क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) को ग्राहकों को प्रतिदिन 100 रुपये बतौर मुआवजा भुगतान करना होगा. आरबीआई के इस कदम से ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर सही समय पर अपडेट हो सकेगा, जिससे लोन लेने, ब्याज दर और रीपेमेंट टेन्योर तय करने में मदद मिलेगी.

Advertisement
लोनधारकों की क्रेडिट हिस्ट्री अपडेट करने में देरी पर हर दिन 100 रुपये मुआवजा देंगी CIC, ईएमआई डिफॉल्ट और ड्यूज अलर्ट भी मिलेगा सीआईसी कंपनियां फाइनेंशियल हिस्ट्री रखती हैं और उसके आधार पर क्रेडिट स्कोर देती हैं, जो लोन लेने में मदद करता है.

बैंक से लोन लेने वाले किसान या सामान्य नागरिकों को उनकी किस्त जमा करने या डिफॉल्ट डेट की जानकारी बैंकों की ओर से दी जाती है. बैंक के साथ लेनदेन की जानकारी क्रेडिट सूचना कंपनियां (CIC) अपडेट करती हैं. इससे ग्राहक का क्रेडिट स्कोर जेनरेट होता है, जो वित्तीय पहुंच बढ़ा देता है और कई तरह की जटिलताओं को आसान कर देता है. सीआईसी कंपनियों की ओर से ग्राहक के लेनदेन संबंधी जानकारी को देर से अपडेट करने पर उसकी वित्तीय पहुंच प्रभावित होती है और कई बार भारी नुकसान का कारण भी बन सकती है. ऐसे में आरबीआई ने सीआईसी कंपनियों पर सख्ती बढ़ा दी है और नए निर्देश जारी कर दिए हैं. 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सर्कुलर में कहा है कि क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) को ग्राहक संबंधी अपनी क्रेडिट जानकारी को अपडेट करने या सुधारने में देरी के लिए ग्राहकों को प्रति दिन 100 रुपये का मुआवजा देना होगा. क्रेडिट संस्थानों (CI) और क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) को क्रेडिट जानकारी के देर से अपडेट करने या सुधार के लिए ग्राहकों को मुआवजे की रूपरेखा को लागू करने और जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के लिए छह महीने का समय दिया है.केंद्रीय बैंक ने मुआवजा ढांचा लागू करने का निर्देश दिया है. 

आरबीआई ने सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि यदि शिकायतकर्ता द्वारा क्रेडिट संस्थानों या सीआईसी के पास शिकायत दर्ज करने की तारीख से 30 कैलेंडर दिनों के भीतर समाधान नहीं किया जाता है तो शिकायतकर्ता प्रति कैलेंडर दिन 100 रुपये के मुआवजे के हकदार होंगे. सर्कुलर में आगे कहा गया है कि क्रेडिट संस्थानों या सीआईसी द्वारा मुआवजा देने से इनकार करने के मामले में शिकायतकर्ता आरबीआई लोकपाल से संपर्क कर सकता है.

ईएमआई डेट, डिफॉल्ट और ड्यूज का अलर्ट भेजना होगा 

रिजर्व बैंक ने क्रेडिट सूचना कंपनियों को निर्देश दिया है कि जब भी ग्राहकों के मोबाइल नंबर, ईमेल डिटेल्स उपलब्ध हों तो वित्तीय संस्थानों द्वारा उनकी क्रेडिट सूचना रिपोर्ट (CIR) तक पहुंचने पर ग्राहकों को एसएमएस, ईमेल के माध्यम से अलर्ट भेजा जाए. वहीं, लोन देने वाले बैंकों या संस्थानों को मौजूदा क्रेडिट सुविधाओं में डिफॉल्ट, पिछले देय दिनों (DPD) के संबंध में सीआईसी को जानकारी देते समय ग्राहकों को एसएमएस या ईमेल के माध्यम से अलर्ट भेजने की व्यवस्था की जाए. 

ये भी पढ़ें - Onion Price: 100 रुपये किलो होने वाला है प्याज, क्यों बढ़ रहे हैं दाम, कब मिलेगी राहत, जान लें पूरी बात

क्या है क्रेडिट स्कोर और इसे जारी करने वाले संस्थान 

भारत में कई क्रेडिट संस्थान (CI) और क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) हैं, जिनमें कुछ प्रमुख हैं क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (CIBIL), इक्विफैक्स (Equifax), एक्सपीरियन (Experian) और सीआईआरएफ हाईमार्क (CRIF Highmark) शामिल हैं. यह सीआईसी कंपनियां कर्जदारों की डिटेल्स रखती हैं और लोन ईएमआई के साथ डिफॉल्ट के आधार पर क्रेडिट स्कोर जारी करती हैं. क्रेडिट स्कोर के आधार पर बैंक या वित्तीय संस्थान ग्राहक को लोन देने की पेशकश करते हैं और क्रेडिट स्कोर पर ही लोन अमाउंट, रीपेमेंट टेन्योर और ईएमआई तय होती है. 
सीआईसी कंपनियां ग्राहक की फाइनेंशियल हिस्ट्री रखती हैं और उसके आधार पर 300 से लेकर 900 तक का क्रेडिट स्कोर देती हैं. 300 क्रेडिट स्कोर खराब माना जाता है जबकि 850-900 तक का क्रेडिट स्कोर बेस्ट माना जाता है. 
 

POST A COMMENT