राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना की शुरूआत की. उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर योजना की शुरूआत की. इस मौके पर सीएम ने कई महिला-छात्राओं को स्मार्टफोन भी दिए. साथ ही मुख्यमंत्री ने स्मार्ट फोन चलाने के लिए एक गाइड बुक ‘सीखो डिजिटल, सिखाओ डिजिटल’ का विमोचन भी किया. इस गाइड बुक में मोबाइल के उपयोग से संबंधित सभी जानकारियां शामिल की गई हैं. योजना के अंतर्गत चिरंजीवी परिवारों की 1.35 करोड़ महिलाओं को तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन दिए जाएंगे. योजना के पहले चरण में 40 लाख महिलाओं एवं छात्राओं को स्मार्टफोन दिए जाने की आज से शुरुआत हुई है.
बता दें कि राजस्थान सरकार की इस योजना का फायदा सबसे अधिक ग्रामीण और किसानी पेशे की महिलाओं को मिलेगा. जयपुर जिले में 28 जगहों पर शिविर लगाए जाएंगे. इनमें 22 शिविर पंचायत समिति और 6 शिविर जिला मुख्यालय पर लगेंगे.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार की ओर से 50 प्रतिशत वादे पूरे कर लिए गए हैं. इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के माध्यम से राज्य सरकार अपना एक और वादा पूरा कर रही है. योजना के अंतर्गत प्रत्येक स्मार्टफोन के लिए 6800 रुपये लाभार्थियों को डीबीटी किये जा रहे हैं. साथ ही शुरू में 20 जीबी डाटा दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चिप का संकट होने से मोबाइल बनना बंद हो गए, जिसके चलते योजना को क्रियान्वित करने में कुछ देरी हुई. अब शिविरों में महिलाओं को बिना किसी परेशानी के ससम्मान स्मार्टफोन उपलब्ध करवाये जाएंगे. साथ ही, कैम्प में उन्हें मोबाइल चलाने की जानकारी भी मिलेगी.
गहलोत ने कहा कि जिन महिलाओं-बच्चियों को मोबाइल मिला है, उन्हें अगले तीन साल तक निःशुल्क इंटरनेट डेटा दिया जाएगा. गहलोत ने कहा कि योजना के दूसरे चरण में 80 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाए जाएंगे.
सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार योजना का लाभ लेने के लिए शिविर में आते समय अपने साथ अपना जनाधार कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और जनाधार कार्ड में दर्ज मोबाइल फोन लाना जरूरी होगा. छात्राएं अपने साथ आईडी कार्ड/एनरोलमेंट कार्ड, विधवा नारी को पीपीओ साथ लाने होंगे.
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सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के उपनिदेशक ऋतेश कुमार शर्मा ने बताया कि शिविर में आईजीएसवाई पोर्टल पर लाभार्थी का ई-केवाईसी किया जाएगा. पोर्टल पर लाभार्थी का जनाधार नम्बर डालकर उसके विवरणों को वेरिफाई किया जाएगा. सत्यापित होने पर लाभार्थी जो मोबाइल अपने साथ लाए हैं उस पर जनाधार ई-वॉलेट इंस्टॉल किया जायेगा. इसके बाद लाभार्थी के पैन कार्ड का विवरण आईजीएसवाई पोर्टल पर दर्ज करने के बाद तीन प्रकार के फॉर्म प्रिंट करके उसे दिए जाएंगे.
इसके बाद लाभार्थी इन तीनों फॉर्म को लेकर मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के काउंटर पर जाकर सिम का एवं डाटा प्लान का चयन कर पाएंगा. साथ ही मोबाइल कंपनी के काउंटर पर जाकर अपनी इच्छा अनुसार मोबाइल फोन का चयन करेगा. इस सब के बाद भरे हुए फॉर्म को लेकर अंतिम काउंटर पर जाना होगा.
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वहां मौजूद कार्मिक उसके फॉर्म में अंकित सूचनाएं एवं लाभार्थी की ओर से दिए गए सभी दस्तावेजों को स्कैन कर आईजीएसवाई पोर्टल पर दर्ज एवं अपलोड करेगा.
दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के बाद फोन में इंस्टॉल किए गए ई-वॉलेट में राज्य सरकार की ओर से कुल 6800 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. सरकार की ओर से लाभार्थी के ई-वॉलेट में 6125 रुपये मोबाइल फोन के लिए और 675 रुपये इंटरनेट प्लान के साथ सिम कार्ड के लिए भेजे जाएंगे. साथ ही राज्य सरकार अप्रैल 2024 एवं अप्रैल 2025 में भी इंटरनेट के लिए हर साल 900 रुपए ट्रांसफर करेगी.
राजस्थान सरकार की इस योजना से ग्रामीण महिलाओं के साथ-साथ खेती-किसानी से जुड़ी महिलाओं को भी फायदा होगा. क्योंकि इस योजना में 1.40 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन मिलने हैं. इनमें से अधिकतर महिलाएं गांव में रहती हैं. इंटरनेट की मदद से वे तकनीक से जुड़ पाएंगी और उनमें एक आत्मविश्वास आएगा.
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