छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में महिला किसानों के लिए एक खास मिशन शुरू किया गया है. यह मिशन मधुमक्खीपालन (beekeeping) का है. इसे राष्ट्रीय बागवानी मिशन (national horticulture mission) के अंतर्गत शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत मधुमक्खीपालन से जुड़ीं महिला किसानों को शहद निकालने वाली मशीन दी जा रही है. जो महिलाएं मधुमक्खीपालन के काम में लगी हैं, उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार के बगवानी विभाग ने ऐसी मशीनें दी हैं. अन्य महिलाएं भी इस स्कीम का लाभ लेकर अपनी इनकम बढ़ा रही हैं. यह मशीन शहद निकालने में मदद करती है. फिर उस शहद को बेचकर महिला किसान अपनी कमाई बढ़ा रही हैं.
बलरामपुर के जिला पंचायत के सीईओ ने ANI से इस मिशन के बारे में कहा, महिला किसानों को शहद निकालने वाली मशीन दी गई है. इससे कामकाजी महिलाओं की इनकम बढ़ाने में मदद मिलेगी. मधुमक्खीपालन के पहले सीजन में 600-700 किलो शहद निकाले जाने की उम्मीद है. इस दिशा में काम चल रहा है.
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राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत बलरामपुर की कई महिलाओं को मधुमक्खीपालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे महिलाओं के स्वयं सहायता समूह भी जुड़े हुए हैं. इसी में एक है बलरामपुर का रोशनी महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप जो कि 'आदर्श गोथन' संस्था से जुड़ा है. राष्ट्रीय बागवानी मिशन के सहयोग से जबार ग्राम पंचायत में रोशनी महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप की सदस्यों को मधुमक्खीपालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे महिला किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी.
इस ग्रुप की महिलाओं का कहना है कि पहले उनके पास कोई काम नहीं था, लेकिन स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्हें कई फायदे हुए हैं. महिलाएं जब से आदर्श गोथन से जुड़ी हैं तब से उनका सबकुछ अच्छा चल रहा है. कमाई भी आ रही है क्योंकि उन्हें मधुमक्खीपालन से मदद मिल रही है.
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एक महिला लाभार्थी ने ANI से कहा, आदर्श गोथन ने हमें मधुमक्खीपालन में कई मौके दिए हैं जिससे हमारी वित्तीय स्थिति सुधरी है. रोशन महिला स्वयं सहायता समूह में कुल 11 महिला किसान हैं. राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत शहद निकालने वाली मशीन मिली है जिससे हम शहद का काम कर रहे हैं. इस मशीन से हम शहद निकालते हैं और पिछले एक साल से बाजार में बेच रहे हैं. इससे हमें रुपये-पैसे का फायदा हो रहा है. महिला ने कहा, बागवानी विभाग हमें ट्रेनिंग देता है और मधुमक्खीपालन से संबंधित और भी मदद मुहैया कराता है.
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