बिहार में किसानों के कल्याण के लिए और कृषि के विकास के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं. इसके तहत किसानों के लिए सरकारी योजनाओं साचलान किया जा रहा है औऱ उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए योजनाओं से जोड़ा भी जा रहा है.बिहार में किसानों और कृषि के विकास के लिए राज्य के सभी 534 प्रखंडों में कृषि क्लिनिक खोलने की तैयारी की जा रही है. सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 202 प्रखंडों में इसकी शुरुआत होगी. फिर इसका इसके रिस्पॉंस को देखते हुए अन्य जगहों पर इसे खोला जाएगा. राज्य अप्रैल के महीने से कृषि क्लिनिक खोले जाने की पहल शुरू हो जाएगी. बिहार राज्य कृषि विभाग ने इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली है.
बिहार में कृषि क्लिनिक खोले जाने की पहल से राज्य के उन युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे जिन्होंने कृषि या इससे संबंधित विषयों में पढ़ाई की है. क्योंकि इन्हें ही कृषि क्लिनिक खोलने की अनुमति दी जाएगी. स्थानीय अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार एक कृषि क्लिनिक खोलने में कुल पांच लाख रुपए की लागत आएगी.जबकि कृषि क्लिनिक खोलने के लिए राज्य सरकार की तरफ से दो लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी. उल्लेखनीय है की उचित समय पर सही जानकारीनहीं होने के अभाव में किसानों को फसल में 30 फीसदी नुकसान का सामना करना पड़ता है. पर क्लिनिक खुल जाने से किसानों को राहत मिलेगी.
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कृषि क्लिनिक में किसानों को उनकी समस्याओं का सही और सटीक समाधान मिलेगा. अगर किसान के खेत में दवा के छिड़काव की जरूरत होगी को कृषि क्लिनिक के माध्यम से ही दवा का छिड़काव भी कराया जाएगा. राज्य में खुल रहे कृषि क्लिनिक को लेकर कृषि विभाग का दावा है कि बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर किसानों को इस तरह की बेहतरीन सुविधा प्रदान की जाएगी. कृषि क्लिनिक के माध्यम से सिर्फ दवा का छिडकाव ही नहीं इन केंद्रों में मिट्टी जांच से लेकर बीज विश्लेषन, कीट और रोग से संबंधित सुझाव और पौधा संरक्षण से संबंधित जानकारी किसानों को दी जाएगी. इससे राज्य में कृषि उत्पादन और कृषि उत्पादन की गुणवत्ता दोनों में बढ़ोतरी होगी.
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बिहार में कृषि क्लिनिक खोलने से संबंधित योजना के लिए 4.24 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. कृषि क्लिनिक में सेवा देने के लिए अभ्यर्थी को कृषि स्नातक, कृषि व्यवसाय प्रबंधन में स्नातक या किसी विश्विविद्यालय से कृषि या उद्यान में स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य होगा. इसके अलावा उन युवाओं को भी कृषि क्लिनिक के संचालन की जिम्मेदारी दी जा सकती है जिनके पास एग्रीकल्चर या बोटनी में कम से कम दो वर्षों का अनुभव हो और उनके पास इस क्षेत्र में डिप्लोमा की डिग्री हो या फिर कृषि विषय से इंटरमीडिएट या फिर केमिस्ट्रि, बॉयोलॉजी और बॉटनी में स्नातक की डिग्री होगी. अब तक राज्य के 101 अनुमंडलों में 202 कृषि क्लिनिक स्थापित करने के लिए 646 आवेदन मिले हैं. जल्द ही इसकी चयन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
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