तेलंगाना में धान के किसान इस समय सरकार की वादाखिलाफी से खासे परेशान हैं. राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और उनकी सरकार ने कई मुद्दों पर अपने वादे अभी तक पूरे नहीं किए हैं. ऐसे में सरकारी की उदासीनता के खिलाफ विरोध करने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा है. राज्य की मीडिया की तरफ से बताया गया है कि किसान अपनी आवाज उठाने के लिए कई तरीकों पर विचार कर रहे हैं. किसानों ने अब एक पोस्टकार्ड अभियान चलाया है. इससे पहले किसानों ने सिंचाई के पानी की कमी के कारण सूख गई फसल को जलाने और बाद में राष्ट्रीय राजमार्गों पर विरोध प्रदर्शन का भी सहारा लिया था. अब किसानों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इन पोस्टकार्ड्स को कम से कम पढ़ेंगे और उनके दुख के बारे में जानेंगे.
सिद्दीपेट में किसानों ने सोमवार को मुख्यमंत्री के जुबली हिल्स आवास पर पोस्टकार्ड भेजकर पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया. इसमें मांग की गई कि वह विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान किसानों से किए गए वादों को पूरा किया जाए. धान के किसानों में से एक लिंगारेड्डीपल्ली के के श्रीनिवास रेड्डी ने सिद्दीपेट के कॉटन मार्केटयार्ड में एक चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री से 15000 रुपये की आर्थिक मदद तुरंत वितरित करने की मांग की है. इसके अलावा प्रति क्विंटल धान पर 500 रुपये का बोनस देने का वादा भी किया गया था. किसानों ने सीएम से दो लाख रुपये तक के कर्ज को माफ करने के मुख्यमंत्री के अपने वादे को पूरा करने और मरने वाले किसानों के परिजनों को रायथु बीमा के तहत आर्थिक मदद सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है.
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किसानों ने अपनी चिट्ठी में सरकार से बेमौसम बारिश के कारण बर्बाद हुई या पानी की कमी के कारण सूखने वाली हर एकड़ फसल के लिए 25000 रुपये मुआवजे की घोषणा करने की भी मांग की. उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार किसानों के फायदे के लिए सभी योजनाओं को एक बार में लागू करे. राघापुर, चिन्नाकोदुर और बाकी जगहों पर भी किसानों ने सीएम को इसी तरह से चिट्ठी लिखी है. किसानों के इस पोस्टकार्ड अभियान को बीआरएस नेता माचा वेणुगोपाल रेड्डी का समर्थन मिला है. उनके साथ कुछ और नेता भी सिद्दीपेट में मार्केटयार्ड पहुंचे और किसानों के साथ एकजुटता का ऐलान किया.
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धान के किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी भी नहीं मिल रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि व्यापारी और चावल मिल मालिक कई कारण बताकर उनकी फसल 1700 रुपये से 1800 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद रहे हैं. वेणुगोपाल रेड्डी ने कहा कि सिंचाई के पानी की कमी और मार्च के दौरान असामयिक बारिश के कारण, किसानों को इस सीजन में पिछले साल की तुलना में कम उपज मिली. उनका कहना था कि यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह वादा किए गए बोनस को देकर किसानों का समर्थन करे. रेड्डी ने किसानों को 2203 रुपये एमएसपी के तहत और 500 रुपये बोनस में देने का वादा किया था.
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