scorecardresearch
इस राज्य में बिजली कटौती से परेशान हुए किसान, नहीं कर पा रहे हैं खेतों में खड़ी फसल की सिंचाई

इस राज्य में बिजली कटौती से परेशान हुए किसान, नहीं कर पा रहे हैं खेतों में खड़ी फसल की सिंचाई

तमिलगा विवासया संगम यूथ विंग के अध्यक्ष सुभाष ने बताया कि मोटर पंपों को संचालित करने के लिए तीन चरण के बिजली कनेक्शन की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से बिजली कटौती के चलते किसान एक चरण में फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं.

advertisement
तमिलनाडु में बिजली संकट गहराया. (सांकेतिक फोटो) तमिलनाडु में बिजली संकट गहराया. (सांकेतिक फोटो)

तमिलनाडु के रानीपेट जिले में किसान पिछले 15 दिनों से काफी परेशान हैं. वे अपनी फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि गर्मी बढ़ते ही जिले में बिजली की कटौती शुरू हो गई है. उनकी माने तो विभाग दिन में 6 घंटें तक बिजली की कटौती कर रहा है. इससे किसानों के साथ-साथ आम जनता की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. किसानों का कहना है कि अगर बिजली की कटौती इसी तरह से जारी रही, तो खेतों में खड़ी फसलें सूखने लगेंगी.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में बिजली की रुक-रुक कर आपूर्ति से सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है. क्योंकि इस जिले में अधिकांश किसान फसलों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेल पर ही निर्भर हैं. ये सारे ट्यूबवेल बिजली से चलते हैं. एक किसान अनबरसन ने कहा कि बिजली की कटौती की वजह से वे सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, तमिलगा विवासया संगम यूथ विंग के अध्यक्ष सुभाष ने बताया कि मोटर पंपों को संचालित करने के लिए तीन चरण के बिजली कनेक्शन की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से बिजली कटौती एक चरण में किसान फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- एक्सपोर्ट बैन के बीच भारत का बड़ा फैसला, UAE को द‍िया जाएगा और प्याज, श्रीलंका को भी म‍िलेगा लाभ 

किसान इन फसलों की करते हैं खेती

नेमिली, रेड्डीवरम, कावेरीपक्कम, उलिनल्लूर और सिरुवलयम सहित रानीपेट के कई इलाकों में किसानों को लगातार बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. एक अन्य किसान आर नरसिम्मन ने कहा कि पिछले हफ्ते, मैंने अपनी जमीन पर काम करने के लिए 20 मजदूरों को नियुक्त किया था. हालांकि, बिजली आपूर्ति की चल रही समस्याओं के कारण, वे काम पूरा करने में असमर्थ थे. अगले दिन भी यही स्थिति बनी रही. टीएनआईई से बात करते हुए, अधीक्षक अभियंता अधिकारी आर रामलिंगम ने बार-बार बिजली कटौती के दावों का खंडन किया. धान, बाजरा, मक्का, दालें, तिलहन, गन्ना और कपास रानीपेट और इसके आसपास के क्षेत्रों में किसानों द्वारा खेती की जाने वाली प्रमुख फसलों में से हैं.

सिंचाई की किल्लत

वहीं, पीछले महीने खबर सामने आई थी कि तिरुपुर जिले के उडुमलाईपेट तालुक के कई गांवों में किसान नारियल के पौधों को बचाने के लिए पानी खरीद रहे हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में पूर्वोत्तर मानसून के दौरान पर्याप्त बारिश नहीं हुई थी. इससे भूजल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. ऐसे में पानी की किल्लत की वजह से बागवानी विभाग के अधिकारियों ने उन्हें ड्रिप सिंचाई प्रणाली अपनाने को सलाह दी है. ताकि कम पानी में ही सिंचाई का काम किया जा सके.

ये भी पढ़ें-  Farming: बकरी और मुर्गियों का एक साथ किया पालन तो 50 फीसद बढ़ जाएगी इनकम

कुएं तक सूख गए

मुकुडु जल्लीपट्टी गांव के किसान के थंगावेल ने कहा कि दो साल पहले, मैंने तीन एकड़ जमीन पर नारियल के पौधे लगाए थे. बुआई, जुताई और अन्य कामों में मैंने एक लाख रुपये से अधिक खर्च किए. लेकिन बारिश नहीं होने से भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है. किसान थंगावेल ने कहा कि भूजल स्तर नीचे जाने से मेरे खेत में दो बोरवेल और खुले कुएं सूख गए.