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Dairy Milk: खराब हो रही है दूध की क्वालिटी, बढ़ रहे हैं दाम, जानें वजह

Dairy Milk: खराब हो रही है दूध की क्वालिटी, बढ़ रहे हैं दाम, जानें वजह

हरे चारे और मिनरल्स की कमी के चलते ही बाजार में दूध के रेट भी बढ़ गए हैं. वहीं दूसरी ओर कोरोना से पहले तक दूध उत्पादन में हर साल करीब छह फीसद की बढ़ोतरी होती थी. लेकिन अब डेढ़ से दो फीसद तक ही दूध उत्पादन बढ़ रहा है. जबकि दूध की डिमांड हर साल आठ से 10 फीसद तक बढ़ रही है.

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पशुपालन के लिए बहुत ही काम की खबर है. (सांकेतिक फोटो) पशुपालन के लिए बहुत ही काम की खबर है. (सांकेतिक फोटो)

पशुओं को अच्छा चारा नहीं मिल पा रहा है तो इसके चलते दूध उत्पादन कम हो रहा है, दूध की क्वालिटी भी कमजोर हो रही है. यही है कि दूध के दाम 65 रुपये लीटर को पार कर चुके हैं. अब गर्मी का मौसम शुरू हो गया है तो एक बार फिर दूध के दाम बढ़ने की आशंका से लोग परेशान हैं. हालांकि दूध कंपनियां रेट बढ़ने के पीछे बड़ी वजह गाय-भैंस के महंगे होते चारे को बताती हैं. वहीं इस बारे में जब डेयरी एक्सपर्ट से बात की गई तो उनका कहना था कि हरा चारा और मिनरल्स महंगा होने का असर दूध उत्पादन और उसकी क्वालिटी पर पड़ रहा है. 

हालांकि देश में हरे चारे की कमी दूर करने को किसान चारे की खेती की ओर रुख करें इसके लिए 100 किसान एफपीओ को मंजूरी दी गई है. चारे की कमी और उसके महंगे होने के बारे में ये भी खुलासा हुआ है कि बीते कई दशक से चारे की जमीन सिर्फ चार फीसद है. इसमे कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. जबकि बहुत सारी जगहों पर तो चारागाह की जमीन पर अतिक्रमण तक हो गया है.

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देखते ही देखते बढ़ गई दूध की लागत

इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व एमडी आरएस सोढ़ी का कहना है कि आज तीन-चार गाय-भैंस का पालन करने वाले किसान को कुछ बच नहीं पाता है. दूध की कमाई का एक बड़ा हिस्सा चारे और मिनरल्स  में खर्च हो जाता है. मक्का  और सोयाबीन के दाम आसमान छू रहे हैं. बिना इसके पशु ना तो दूध ज्यादा देता है और ना ही दूध में क्वालिटी आती है. मिनरल्स की कमी को पूरा करने के लिए पशुपालक पशुओं को ज्यादा से ज्यादा हरे चारा पर रखता है.

हालांकि ये तरीका गलत है. ज्यादा और अच्छे दूध के लिए हरे और सूखे चारे समेत मिनरल्स की मात्रा बराबर होनी चाहिए. और ये भी सच है कि दूध की लागत दूध का उत्पादन बढ़ाकर ही कम की जा सकती है. हमारे साइंटिस्ट को ऐसा फीड तैयार करना होगा जिससे खाकर भैंस का दूध उत्पादन बढ़ जाए और फीड भी ज्यादा महंगा न हो. चारा भी ऐसा तैयार करना होगा जिसे खाने के बाद मीथेन गैस का उत्सार्जन कम हो. 

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ज्यादा और अच्छे दूध के लिए जरूरी है इतना चारा 

डेयरी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. दिनेश भोंसले ने किसान तक को बताया कि हमारे देश में 231 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ है. इसमे से 55 फीसद हिस्सेदारी भैंस की तो 45 फीसद गाय की है. इस सब में बकरी की हिस्सेदारी तीन फीसद है. हमारे देश में 300 मिलियन पशुओं में से सिर्फ 100 ही दूध देते हैं. लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि हमारा पूरा ध्यान दूध उत्पादन पर ही रहता है, पशुओं के खानपान पर हम ध्यान नहीं देते हैं.

जबकि सामान्य नियम भी ये है कि गाय-भैंस को कम से कम 10 किलो हरा चारा, पांच किलो सूखा चारा जरूर देना चाहिए. जब इतना खिलाएंगे तभी वो ठीक से दूध भी देगी. इतना ही नहीं अगर गाय-भैंस पांच किलो दूध देती है तो उसे कम से कम 2.5 किलो मिनरल्स मिक्सचर खिलाना होगा.