केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने पंजाब के किसान नेताओं पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं और तालिबान के बीच तुलना करते हुए उनकी संपत्ति का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी. वहीं, राज्य में धान की धीमी उठान और डीएपी (डायम्मोनियम फास्फेट) उर्वरक की कमी को लेकर भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर एक सवाल का जवाब देते हुए बिट्टू ने कहा कि उर्वरक किसानों के पास जाना चाहिए, लेकिन वे (किसान नेता) तय कर रहे हैं कि यह कहां जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि आप तालिबान बन गए हैं, आपको कहीं न कहीं रुकना ही होगा. इस बयान पर जवाब देते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि किसानों की तालिबान से तुलना करना गलत है.
ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेकने आए मंत्री ने दावा किया कि इनमें से कई किसान नेता या तो कमीशन एजेंट हैं या चावल मिल के मालिक हैं. उन्होंने कहा कि उपचुनाव के बाद इस बात की जांच की जाएगी कि किसान नेता बनने से पहले और अब उनके पास कितनी जमीन है. इनमें से कौन कमीशन एजेंट नहीं है या किसके पास चावल मिल नहीं है?.
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किसान आंदोलन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आम किसान विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे, बिट्टू ने कहा किसान भोले-भाले हैं वे ऐसी चीजों में नहीं आते हैं. वहीं, आने वाले दिनों में, आप देखेंगे कि किसान भाजपा को वोट देंगे. किसान जानते हैं कि केंद्र सरकार उनकी स्थिति को सुधार सकता है.
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंत्री की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में डीएपी की भारी कमी है और मिलों से चावल का उठाव अभी तक नहीं हुआ है. ऐसे में भाजपा घिर गई है. वहीं, जब रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस में थे, तब वे किसानों के पक्ष में बोलते थे. अब वे हमें निशाना बना रहे हैं. यह नागपुर (आरएसएस मुख्यालय) से उन्हें मिली ट्रेनिंग का नतीजा है.
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की जांच होनी चाहिए. ये किसान नेताओं को तालिबानी बता रहे है. उन्होंने कहा कि बिट्टू किसानों की जांच कर सकते हैं. वो जब मर्जी जांच कर सकते हैं. हम डरने वाले नहीं है. चुनाव के बाद क्यों, चुनावों के बीच में किसानों ही जांच कर लेनी चाहिए.
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