पंजाब में धान खरीद प्रक्रिया में तेजी दर्ज की गई है. जिसके चलते पंजाब की अलग-अलग मंडियों में 8 नवंबर 2024 तक कुल 126.67 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है , जिसमें से 120.67 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद राज्य एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा की जा चुकी है.
धान की खरीद MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है, जैसा कि भारत सरकार ने ग्रेड 'ए' धान के लिए तय किया है और चालू खरीफ विपणन सीजन 2024-25 में अब तक सरकार द्वारा खरीदा गया कुल धान 27995 करोड़ रुपये के हैं, जिससे पंजाब में लगभग 6.58 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं. इसके अलावा, 4839 राइस मिलर्स ने धान की छिलाई के लिए आवेदन किया है. बता दें कि 4743 मिलर्स को पंजाब राज्य सरकार द्वारा पहले ही काम आवंटित किया जा चुका है.
पंजाब में खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए धान की खरीद 1 अक्टूबर 2024 से शुरू हो गई है. वहीं, पंजाब के किसानों से सुचारू खरीद के लिए पूरे राज्य में 2927 नामित मंडियां और अस्थायी यार्ड चालू हैं. केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए धान खरीद का अनुमानित लक्ष्य 185 लाख मीट्रिक टन तय किया है जो 30 नवंबर 2024 तक जारी रहेगा. मंडियों से धान का उठाव जोरों पर है और उठाव धान की दैनिक आवक से अधिक है. इस प्रकार धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है.
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बता दें कि सितंबर में भारी बारिश और धान में नमी की अधिकता के चलते खरीद प्रक्रिया देर से शुरू हुई थी, जिसके चलते किसान संगठन आंदोलन पर उतर गए थे. इसके अलावा धान उठान में देरी की शिकायतों को देखते हुए किसानों ने स्टोरेज समस्या के मुद्दे पर कई जगह जिला कार्यालयों का घेराव किया था. हालांकि, खरीद प्रक्रिया अब पटरी पर है और पूरे जोरों पर चल रही है.
पिछले आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा सरकार ने बताया कि मंडियों में अब तक 49,79,172 मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है, जिसमें से 48,57,405 मीट्रिक टन खरीद लिया गया है. अब तक धान और बाजरा बेचने वाले किसानों को 11,522 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है. जिसमें धान किसानों का हिस्सा 10,511 करोड़ रुपये का है.
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