केंद्र सरकार की ओर लागू की गई जीएसटी की नई दरें और स्लैब कृषि क्षेत्र में व्यापक असर डालने वाली साबित होंगी. केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल में आयोजित प्रेस वार्ता में यह बात कही. उन्होंने आगे कहा कि इन सुधारों से छोटे और मंझौले किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. कृषि उपकरणों पर टैक्स घटने से लागत कम होगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा. जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी घटाने का निर्णय ऐतिहासिक है. इससे किसानों का रुझान रासायनिक उर्वरकों से हटकर जैविक खेती की ओर बढ़ेगा.
चौहान ने कहा कि फर्टिलाइजर की कच्ची सामग्री जैसे अमोनिया, सल्फ्यूरिक और नाइट्रिक एसिड पर कर घटकर 18% से 5% कर दिया गया है, जिससे कीमतें घटेंगी और किसानों को फायदा मिलेगा. वहीं, डेयरी सेक्टर में दूध और पनीर को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है. चौहान ने कहा कि इससे न केवल आम उपभोक्ता बल्कि पशुपालक और दुग्ध उत्पादक किसानों को भी सीधे फायदा होगा. मक्खन, घी और पैक्ड दूध उत्पादों पर कर घटाने से स्वदेशी उत्पादों की खपत बढ़ेगी. इससे मांग में इजाफा होगा और डेयरी क्षेत्र को मजबूती मिलेगी.
चौहान ने कहा कि कृषि उपकरणों पर कर कम होना किसानों के लिए बड़ी राहत है. अब ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, रोटावेटर जैसे उपकरण 18% की बजाय 5% जीएसटी स्लैब में आएंगे. चौहान ने उदाहरण देते हुए कहा कि 9 लाख रुपये का ट्रैक्टर अब किसानों को लगभग 65 हजार रुपए सस्ता पड़ेगा. इसी तरह 35 एचपी से 75 एचपी तक के ट्रैक्टरों पर किसानों को 25 हजार से 63 हजार रुपये तक की बचत होगी.
उन्होंने कहा कि छोटे जोत वाले किसानों के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसान खेती के साथ पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन और कृषि वानिकी जैसे कार्यों से जुड़ेंगे तो उनकी आमदनी कई गुना बढ़ेगी. इस दिशा में जीएसटी छूट का बड़ा योगदान होगा. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी इन सुधारों से बल मिलेगा.
चौहान ने कहा कि हस्तशिल्प, चमड़े के सामान और दूध उत्पाद बनाने वाले महिला स्व-सहायता समूहों को जीएसटी छूट से सीधा फायदा होगा. इससे "लखपति दीदी" जैसी योजनाओं को और मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी टैक्स घटाने से किसानों को फायदा होगा. संरक्षित फल, सब्जियां, मेवे और मछली उत्पादों पर कर कम होने से कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा. इससे किसान वैल्यू एडिशन की ओर बढ़ेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे. प्राकृतिक शहद पर कर कम होने से शहद उत्पादक किसानों को सीधा फायदा होगा.
चौहान ने ऊर्जा आधारित उपकरणों पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने के निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इससे नवीकरणीय ऊर्जा आधारित उपकरण सस्ते होंगे और किसान ऊर्जा प्रदाता बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे. ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर जैसे उपकरण भी सस्ते हो जाएंगे, जिससे पानी की बचत होगी और उत्पादन बढ़ेगा.
ग्रामीण बुनियादी ढांचे को भी इन सुधारों से फायदा होगा. सीमेंट और लोहे पर कर घटने से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान निर्माण सस्ता होगा. साथ ही आंगनवाड़ी, स्कूल और पंचायत भवन जैसी परियोजनाओं की लागत भी कम होगी. इससे ग्रामीण विकास की गति तेज होगी और समग्र अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी.
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार का उद्देश्य है कि किसानों की उत्पादन लागत घटे और उपज बढ़े. नए जीएसटी सुधार इसी दिशा में मील का पत्थर हैं. उन्होंने कहा कि इन फैसलों से बाजार में मांग बढ़ेगी, पैसा घूमेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. अंत में चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल दी है. किसानों और आम नागरिकों की जिंदगी आसान बनेगी और प्राकृतिक और जैविक खेती को नया बल मिलेगा.
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