कीमत मिली कम फिर भी बासमती की ओर रुख कर सकते हैं पंजाब के किसान, समझिए कारण

कीमत मिली कम फिर भी बासमती की ओर रुख कर सकते हैं पंजाब के किसान, समझिए कारण

पंजाब में बासमती के किसान पिछले साल की तुलना में कम कीमत मिलने के बावजूद भी खुश हैं. राज्य में गैर-बासमती धान की खरीदी में हुई देरी के कारण अब पंजाब के किसान बासमती धान की ओर रुख कर सकते हैं. निर्यातकों का कहना है कि पंजाब में कहीं भी बासमती की खरीद में कोई समस्या नहीं है.

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कीमत मिली कम फिर भी बासमती की ओर रुख कर सकते हैं पंजाब के किसान, समझिए कारणबासमती की ओर रुख कर सकते हैं पंजाब के किसान

पंजाब में धान के किसानों के लिए इस बार अपनी फसल बेचना एक बुरे सपने जैसा हो गया है. अधिकतर किसान 15 से 20 दिनों से मंडियों में डेरा डाले हुए हैं, लेकिन फिर भी अपनी उपज नहीं बेच पाए. धान खरीदी में फैली अव्यवस्था के कारण पूरे राज्य में किसान यूनियनों ने विरोध और हड़तालें तक की हैं. लेकिन धान खरीदी में आई इतनी समस्याओं और कम कीमत मिलने के बावजूद भी पंजाब के बासमती धान के किसान खुश हैं. किसानों को इस साल बासमती पर पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत कम कीमत मिली है.

क्यों बासमती का रुख करेंगे किसान?

दरअसल, बासमती धान के किसानों की खुशी के पीछे राज्य में मौजूदा खरीद समस्या ही है, क्योंकि चावल मिल मालिकों और आढ़तियों द्वारा करीब 15 दिनों तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद गैर-बासमती धान की खरीद में इतनी देरी हुई. अंग्रेजी अखबार 'बिजनेस लाइन' की एक रिपोर्ट में अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ के पूर्व अध्यक्ष, विजय सेतिया ने कहा, "वर्तमान साल की खरीद के हालात निश्चित रूप से कुछ किसानों को गैर-बासमती से बासमती की ओर रुख करने पर मजबूर करेंगे." उन्होंने कहा कि केवल समग्र दृष्टिकोण से ही स्थिति में सुधार होगा. साथ ही सेतिया का कहना है कि बासमती चावल के लिए फसल योजना बनाने की जरूरत है.

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आराम से हो रही बासमती की खरीद

निर्यातकों का कहना है कि पंजाब में कहीं भी बासमती की खरीद में कोई समस्या नहीं है और आराम से आवक हो रही है. पंजाब राइस मिलर्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के निदेशक अशोक सेठी ने बताया, "आवक को लेकर कोई समस्या नहीं है. इस साल फसल बहुत अच्छी है और पूसा 1121 एक सप्ताह पहले ही बाजार में आना शुरू हो गई." सेठी का कहना है कि पूसा 1121 के लिए किसानों को 4,000 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिल रहा है जो अन्य फसलों की तुलना में बहुत अच्छा दाम है.

हालांकि, हाल ही में आईं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि पंजाब की एक मंडी में आढ़तियों ने जगह की कमी के कारण किसानों से एक सप्ताह तक बासमती धान ना लाने को कहा है, क्योंकि गैर-बासमती फसल की सरकारी खरीद जोरों पर है. गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य हटा दिया है, जिससे इस चावल का विदेशों में निर्यात और भी तेज हो गया. 

किसानों ने सस्ते में बेची बासमती

बताया जा रहा है कि किसानों को हरियाणा में बासमती का रेट 2,800 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल और पंजाब में पूसा 1509 किस्म के लिए लगभग 3,000 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है. वहीं पूसा 1121 की फार्म-गेट दरें हरियाणा और पंजाब दोनों में ही 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल हैं. अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ के पूर्व अध्यक्ष, विजय ने कहा कि इस साल कीमतें पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत कम हैं, क्योंकि फसल की आवक ज्यादा होने की उम्मीद है.

पिछले साल नवंबर के मध्य में पारंपरिक बासमती की सीएसआर-30 किस्म की किसानों को ₹6300 से ₹6600 प्रति क्विंटल के बीच कीमत मिल रही थी, जबकि पूसा 1121 के लिए हरियाणा में ₹4300 से ₹4500 और पूसा 1509 के लिए ₹3200 से ₹3600 का दाम मिल रही था. बासमती की ये कीमतें इसकी क्वालिटी और कटाई के तरीके पर निर्भर करती हैं.

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