किसानों का उग्र प्रदर्शन, MSP समेत अन्य मुद्दों को लेकर पैदल मार्च और सरकार का पुतला फूंका, 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान

किसानों का उग्र प्रदर्शन, MSP समेत अन्य मुद्दों को लेकर पैदल मार्च और सरकार का पुतला फूंका, 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान

13 फरवरी से आंदोलित किसानों ने गुरुवार 1 अगस्त को पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में उग्र प्रदर्शन किया. किसानों ने लुधियाना, अमृतसर समेत पंजाब और हरियाणा के जिला मुख्यालयों में केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के खिलाफ पुतला दहन किया. वहीं, किसानों ने 15 अगस्त को देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है.

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पंजाब-हरियाणा में किसानों का उग्र प्रदर्शन, सरकार का पुतला जलाया, 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च का ऐलानMSP समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों ने पैदल मार्च निकाला.

फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून समेत कई अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी से आंदोलित किसानों ने गुरुवार 1 अगस्त को पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में उग्र प्रदर्शन किया. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने लुधियाना, अमृतसर समेत पंजाब और हरियाणा के जिला मुख्यालयों में केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के खिलाफ पुतला दहन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान शहरों में कई किलोमीटर का पैदल मार्च निकाला गया. पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन में महिला किसान भी शामिल हुईं. किसानों ने 15 अगस्त को देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है.

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में आज 1 अगस्त को देशव्यापी पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन किया गया. किसान नेता कुलदीप सिंह सिखों ने 'किसान तक' को बताया कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों पर गोलियां चलाने वाले अफसरों को हरियाणा सरकार पुरस्कार से सम्मानित कर रही है. इस फैसले के विरोध में दोनों किसान संगठन हरियाणा और भाजपा सरकार का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया.

केंद्र और हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी

किसान नेता ने बताया कि पुतला दहन के साथ ही हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों के जिला मुख्यालयों पर किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान कई जगह जिला मुख्यालय के अंदर केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के पुतला दहन को लेकर पुलिस-प्रशासन के साथ कहासुनी भी हुई. कई जगह कलेक्ट्रेट दफ्तर के अंदर पुतला जलाया गया तो कई जगह परिसर के बाहर गेट पर पुतला दहन किया गया. इस दौरान अलग-अलग जगह 1-2 किलोमीटर का पैदल मार्च भी निकाला गया. किसानों ने केंद्र और हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

15 मार्च को देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च

कुलदीप सिंह सिखों ने बताया कि किसान अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी 2024 से आंदोलन कर रहे हैं. उन्हें दिल्ली जाने से रोका गया है. पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं को बैरीकेडिंग और कीलें लगाकर बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि आज के विरोध प्रदर्शन के बाद किसान 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. उन्होंने कहा कि पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन की तरह की ट्रैक्टर मार्च भी देशभर में निकाला जाएगा. 

एसकेएम गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा ने 22 जुलाई को दिल्ली के कॉस्टीट्यूशन क्लब में राष्ट्रीय सम्मेलन किया था, जिसमें 20 राज्यों से किसान नेता पहुंचे थे. इसके साथ ही कांग्रेस सांसदों और अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर भी मिलने पहुंची थीं. राष्ट्रीय सम्मेलन में किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह ढल्लेवाल ने 22 सितंबर तक किसान आंदोलन के कार्यक्रम की घोषणा की थी.     

 

22 सितंबर तक किसान आंदोलन कार्यक्रम  

  1. 15 अगस्त: दिल्ली के लिए राष्ट्रव्यापी ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. इसमें किसानों से सिंघु, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जुटने की अपील की गई है.  
  2. 21 अगस्त: किसान आंदोलन 2.0 के 200 दिन पूरे होने का किसान जुटान और मंथन.
  3. 31 अगस्त: शंभू बॉर्डर पर विरोध के 200 दिन पूरे होने पर आंदोलन पर मंथन और रैली. 
  4. 15 और 22 सितंबर: हरियाणा के जींद और पिपली में किसानों की रैलियां.

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