खनौरी और शंंभू मोर्चे पर किसानों के आंदोलन को 12फरवरी को 1 साल पूरे होने वाले हैं. वहीं, केंद्र सरकार ने लंबे समय के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा को 14 फरवरी को चंडीगढ़ में बातचीत का न्योता दिया है. इसके पहले किसान संगठनों ने महापंचायत का आयोजन करने का ऐलान किया है. मालूम हो कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन पिछले दो महीने से ज्यादा समय से दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चे पर जारी है.
किसान नेताओं ने बताया कि आंदोलन का 1 वर्ष पूरा होने पर तीनों मोर्चों पर होने वाली किसान महापंचायतों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चे पर होने वाली महापंचायत के लिए राजस्थान के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में गांव-गांव में प्रचार शुरू कर दिया गया है. वहीं, 12 फरवरी को दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चे पर होने वाली किसान महापंचायत के लिए आज हरियाणा के हिसार में किसानों की मीटिंग कर के गांव-अनुसार ड्यूटियां लगाई गई है.
सोमवार को दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चे पर उत्तर प्रदेश के किसानों का एक बड़ा प्रतिनधिमंंडल किसान नेता राजबीर सिंह, उधम चौधरी, जीवन सिंह, अंकित चौधरी, अक्षय त्यागी, कौशल क्रांतिकारी के नेतृत्व में जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने और उन्हें समर्थन करने के लिए पहुंचा. आज जगजीत सिंह डल्लेवाल जी खुद दातासिंहवाला-खनौरी मोर्चे पर पहुंचकर किसानों और मीडिया से बातकर संदेश देंगे.
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बीते दिन जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 जनवरी को बुलाए गए देशव्यापी किसानों मार्च को लेकर विभिन्न राज्यों के किसानों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने इस मार्च को सफल बनाया. वहीं, उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा की ओर जारी किए गए ‘एकता प्रस्ताव’ को लेकर भी अपनी बात रखी. डल्लेवाल ने कहा कि उनकी किसी भी किसान यूनियन से कोई दुश्मनी नहीं है. अंतर सिर्फ उनके मत और मांगों की प्राथमिकता का है.
किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि अभी केंद्र सरकार ने सिर्फ एक मीटिंग रखी है. वे मांगें पूरी होने तक अनशन जारी रखेंगे और जिस प्रकार मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों ने जैसा समर्थन बनाए रखा है, उसे जारी रखें. अभी सरकार की ओर से यह धारणा बनाई जा रही है कि यह आंदोलन सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसानों का है. लेकिन, आपको इसी तरह का समर्थन जताकर यह दिखाना होगा कि ये मांगें पूरे देश के किसानों की हैं.
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