बिहार की राजनीति में भले ही जातीय समीकरण सत्ता की कुंजी रहे हों, लेकिन इस बार की बिसात पर खेती की चाल भी तेज है. चुनावी साल में किसानों को साधने की कवायद अब राजधानी से गांव तक पहुंच चुकी है. जहां, 2 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी करेंगे. वहीं, पटना में करीब पांच हजार किसानों के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहेंगे. तो दूसरी ओर बीते कुछ महीनों से बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा किसान कल्याण संवाद के जरिए आम लोगों के बीच सरकार की पैठ बनाने में लगे हुए है. जिसके तहत गुरुवार को उन्होंने ने गयाजी जिला किसानों के साथ संवाद किया और सरकारी योजनाओं के बारे में बताया.
राजनीतिक विश्लेषक प्रियदर्शी रंजन का मानना है कि बीते कुछ महीनों में बिहार में कृषि को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की सक्रियता काफी बढ़ गई है. एक ओर मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा हुई तो दूसरी ओर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद खेतों में मखाना की खेती करते नजर आए. उनका बिहार में लगातार दौरे कहीं न कहीं ग्रामीण वोटरों को एनडीए की ओर लाने का प्रयास हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार से जुड़े अधिकांश कार्यक्रमों में भी किसानों और कृषि से संबंधित योजनाओं की प्रमुखता से चर्चा रही. सियासी बिसात पर खेती की बिसात को मजबूत करने का एक आधार दिख रहा है.
वहीं, बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा राज्य के विभिन्न जिलों में 'कृषि संवाद' कार्यक्रम के जरिए जातीय समीकरणों से इतर किसान आधारित राजनीति को मजबूती देने की कोशिश में लगे हैं. हालांकि, यह भी एक सच्चाई है कि अब तक बिहार में किसान और कृषि, चुनावी नतीजों के निर्णायक केंद्र बिंदु नहीं रहे हैं. लेकिन इस बार सत्ता की रणनीति कुछ अलग राह पर चलती दिख रही है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि जारी होने से ठीक 48 घंटे पहले बिहार के कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गयाजी जिले में आयोजित किसान कल्याण संवाद कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने किसानों से सीधा संवाद किया और बीज वितरण की पारदर्शिता, उर्वरकों की उपलब्धता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कृषि यंत्रीकरण योजना तथा खेत से बाजार तक की सुविधाओं को लेकर फीडबैक प्राप्त किया. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान बिहार की नई पहचान हैं. महिला किसानों के योगदान को विभाग पूरी प्रतिबद्धता के साथ सहयोग करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक के कालिकाधाम (बलौनी) से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त के रूप में 9.7 करोड़ किसानों के लिए 20,500 करोड़ रुपये की राशि जारी करेंगे. गौरतलब है कि 19वीं किस्त के दौरान बिहार के करीब 80 लाख किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिला था.
बिहार में लगभग 1 करोड़ 61 लाख किसानों के पास भूमि है, हालांकि, सम्मान निधि योजना की सूची से कई किसानों के नाम भी हटाए गए हैं. इस योजना के माध्यम से सरकार राज्य की बड़ी आबादी को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है.लेकिन, किसानों का समर्थन बिहार की सत्ता में कितना निर्णायक साबित होगा, यह आने वाला समय बताएगा.
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