किसानों ने अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे किया जाम, धान की धीमी खरीद के खिलाफ सड़कों पर उतरे

किसानों ने अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे किया जाम, धान की धीमी खरीद के खिलाफ सड़कों पर उतरे

किसान नेता करण सिंह ने बताया कि इस बार के धान सीजन में जो काम (खराब काम) हो रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. धान के दाने काले पड़ रहे हैं. 25 सितंबर से मंडियों में अनाज गिरी है, लेकिन अभी तक खरीद नहीं हुई. आम तौर पर एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो जाती है, लेकिन आज 25 तारीख तक खरीद नहीं हो सकी है.

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किसानों ने अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे किया जाम, धान की धीमी खरीद के खिलाफ सड़कों पर उतरेकिसानों ने हाईवे किया जाम

किसानों ने शुक्रवार को पंजाब में अंबाला-चंडीगड़ हाईवे को जाम कर दिया. किसान संगठनों ने पहले ही ऐलान किया था कि वे शुक्रवार 25 अक्टूबर को अपनी मांगों को लेकर हाईवे जाम करेंगे. तय कार्यक्रम के मुताबिक किसानों ने 11 बजे से लेकर 3 बजे तक जाम का ऐलान किया. इस दौरान वे बड़ी संख्या में हाईवे पर डटे रहे. किसानों की शिकायत है कि सरकार धान की खरीद और उठान में तेजी नहीं ला रही है जिससे उन्हें परेशानी हो रही है. 

किसानों ने आज चार घंटे हाईवे को जाम रखा और कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, या स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिखता है तो वे हमेशा के लिए हाईवे को बंद करने के लिए मजबूर होंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपना आंदोलन जारी रखा. किसान संगठन ने कहा कि पंजाब और केंद्र सरकार की यह ड्यूटी है कि वह किसानों की समस्याओं पर गौर करे उसका समाधान निकाले. इसमें जरूरी है कि सरकार धान की खरीद और धान के उठाव में तेजी लाने का निर्देश दे.

पंजाब सरकार पर हमला

पंजाब सरकार पर हमला बोलते हुए किसानों ने कहा कि पूरे प्रदेश में किसान परेशान हैं. उनकी बात नहीं सुनी जा रही. किसान अनाज लेकर भटक रहे हैं, लेकिन उसकी खरीद नहीं हो रही है. यहां तक कि अनाज के रेट का भी मुद्दा बहुत बड़ा है. इन सभी बातों पर किसानों ने सरकार से गौर करने के लिए कहा और उनकी समस्याओं को निपटाने का आह्वान किया. आज के विरोध प्रदर्शन की वजह से अंबाला-चंडीगड़ हाईवे पर लंबा जाम लग गया और गाड़ियों की लंबी कतारें देखी गईं.

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यहां तक कि किसानों को हाईवे पर ट्रैक्टर लेकर पहुंचते देखा गया. किसान झंडा और बैनर लिए हाईवे पर डटे रहे और नारेबाजी करते रहे. विरोध प्रदर्शन की वजह से हाईवे पर रोडवेज की बसें फंसी रहीं. किसानों ने रोड बंद करने के लिए बीच सड़क पर ट्रैक्टर लगा दिए. इन गाड़ियों में तेल के टैंकर भी थे जिसे पुलिस ने समझा कर किसी तरह पार कराया. 

किसान नेताओं का आरोप

किसान नेता करण सिंह ने बताया कि इस बार के धान सीजन में जो काम (खराब काम) हो रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. धान के दाने काले पड़ रहे हैं. 25 सितंबर से मंडियों में अनाज गिरी है, लेकिन अभी तक खरीद नहीं हुई. आम तौर पर एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो जाती है, लेकिन आज 25 तारीख तक खरीद नहीं हो सकी है. अभी तक मंडी में धान की न खरीद शुरू हुई, न तौलाई और न उठाई हो सकी है. मंडी में किसान बहुत परेशान हैं क्योंकि उनपर 200 रुपये का कट लगाया जा रहा है.

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किसान नेता करण सिंह ने कहा कि उनकी मंडी डेरा बस्सी है, जहां 25 दिन हो गए लेकिन धान की खरीद नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि किसानों को बहुत परेशानी है और सरकार ने किसानों का बेड़ागर्क कर दिया है. किसान नेता लखबीर सिंह ने कहा कि पिछले साल का अनाज भी अभी तक स्टॉक में पड़ा है जिसका उठान केंद्र सरकार ने नहीं किया है. अगर केंद्र सरकार पिछले साल के धान को नहीं उठाएगी तो इस साल की धान कैसे खरीदी जाएगी और उसका उठान कैसे होगा. पंजाब सरकार हर फ्रंट पर फेल है और उसका कोई नुमाइंदा नहीं है जो इस पर ध्यान दे.(असीम बस्सी की रिपोर्ट)

 

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