कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने से चढूनी नाराज, कहा- मांगें नहीं मानी तो संसद से सड़क तक होगा संघर्ष

कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने से चढूनी नाराज, कहा- मांगें नहीं मानी तो संसद से सड़क तक होगा संघर्ष

केंद्र सरकार ने कॉटन से इंपोर्ट ड्यूटी को खत्म कर दिया है. जिसके बाद देशभर के कपास किसानों में निराशा है. इसी संदर्भ में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने एक पत्र जारी कर सरकार से मांग की है. मांग पूरी ना होने पर संसद से सड़क तक संघर्ष की भी बात कही है.

Advertisement
कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने से चढूनी नाराज, कहा- मांगें नहीं मानी तो संसद से सड़क तक होगा संघर्षकपास किसानों के लिए चढूनी की मांगें

केंद्र सरकार की ओर से कपास को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है. सरकार ने कॉटन पर 11 फीसदी आयात शुल्क समाप्त कर दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद देश के किसानों में काफी निराशा है. महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों के कपास किसान सरकार की इस फैसले से काफी दुखी नजर आए. देशभर में इस निर्णय को लेकर कई तरह की बातें चल रही हैं. इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने एक पत्र जारी किया है. इस पत्र में उन्होंने सरकार से किसानों को हो रहे नुकसान की चिंता जाहिर की है. 

अमेरिकी दबाव में लिया फैसला?

गुरनाम सिंह चढूनी ने लिखा कि ये फैसला टेक्सटाइल उद्योग को लाभ पहुंचाने और अमेरिका के दबाव में लिया गया है. जबकि इसका खामियाजा भारत के कपास किसानों को भुगतना पड़ेगा. अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा कॉटन निर्यातक है और अब भारतीय बाजार में बाढ़ की तरह अमेरिकी कॉटन आएगा. इससे घरेलू कीमतें और नीचे गिरेंगी. 

यह फैसला क्यों खतरनाक है? 

भारत में कपास की खेती लगातार घट रही है. साल 2024-25 में कपास के आयात में 107% की बढ़ोतरी हुई जिसके कारण उत्पादन 390 लाख गांठ से घटकर 300 लाख गांठ पर आ गया. खरीफ सीजन में कपास का रकबा 3.24 लाख हेक्टेयर घटा जो कि पिछले साल से 2.91% कम है. जो किसान और व्यापारी CCI से ऊंचे दामों पर स्टॉक कर चुके हैं, वे बर्बाद हो जाएंगे. नई फसल के दाम भी दबाव में रहेंगे, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा. एक रिपोर्ट पहले ही चेतावनी दे चुकी थी कि आयात शुल्क हटते ही कीमतों में भारी गिरावट होगी, जो कि अब सच साबित हो गया है. 

ये भी पढ़ें: कपास किसानों के लिए खुशखबरी, MSP पर होगी बड़ी खरीद, CCI पूरी तरह तैयार

सरकार से चढूनी की मांग

कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार से पत्र के माध्यम से चार सूत्रीय मांग भी की है. उन्होंने लिखा-

  • कॉटन पर आयात शुल्क तुरंत बहाल किया जाए
  • कपास किसानों के लिए कानूनी MSP गारंटी लागू की जाए
  • जिन किसानों और व्यापारियों ने ऊंचे दामों पर कॉटन खरीदी है, उनके नुकसान की भरपाई की जाए
  • कपास उत्पादन बढ़ाने के लिए बीज, सिंचाई और समर्थन नीति लागू की जाए

संसद से सड़क तक संघर्ष

चढूनी पत्र में आगे लिखते हैं, "कॉटन के किसानो को बचाने के लिए आंदोलन की तैयारी शुरू, 28 अगस्त को भिवानी में महत्त्वपूर्ण बैठक". यदि सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया, तो भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगा. इसी को लेकर कपास पर 28 अगस्त 2025 को भिवानी (हरियाणा) में एक महत्त्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है, जिसमें आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. यह लड़ाई सिर्फ कपास किसानों की नहीं, बल्कि पूरे कृषि समुदाय के भविष्य की है. किसानों को बर्बाद करने वाले किसी भी फैसले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो सड़क से संसद तक संघर्ष होगा.

POST A COMMENT