महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने किसानों की आत्महत्या के मामले में राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य में रोजाना छह किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन महायुति सरकार को कोई चिंता नहीं है. सपकाल ने मीडिया से बात करते हुए फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार की कृषि ऋण माफी में देरी के लिए आलोचना की. सपकाल ने इसी तरह का बयान जुलाई में भी दिया था. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में बाढ़ से हालात खराब हैं और कई किसानों को फसल नुकसान झेलना पड़ा है.
सपकाल ने कहा, 'यह सरकार न केवल गैंडे की तरह मोटी चमड़ी वाली है, बल्कि अंधी, गूंगी और बहरी भी है. किसानों का दर्द उनके लिए कोई मायने नहीं रखता. यह भाजपा गठबंधन सरकार किसान विरोधी है. देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार किसानों की ऋण माफी पर साइन करने के लिए कलम क्यों नहीं उठाते?' कांग्रेस नेता ने अहिल्यानगर के नेवासा तालुका के किसान बाबासाहेब सुभाष सरोदे का उदाहरण दिया, जिन्होंने आत्महत्या कर ली थी.
उन्होंने दावा किया कि सरोदे ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था. इस वीडियो में उन्होंने कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि कर्ज माफी से उनका कर्ज माफ हो जाएगा, लेकिन सरकार ने गरीब किसानों को निराश किया है, इसलिए उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा. सपकाल के अनुसा आज भी सरकार कहती है कि 'हम सही समय पर कर्ज माफी की घोषणा' करेंगे. लेकिन उस 'सही समय' के आने से पहले और कितने किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी?
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने पिछले हफ्ते कहा था कि सरकार केवल जरूरतमंद किसानों का कर्ज माफ करेगी, न कि उन किसानों का जो फार्महाउस और बंगले बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से कर्ज माफी के बजाय, सरकार उन गरीब किसानों को राहत देने की दिशा में काम कर रही है जिनके खेतों से कुछ नहीं निकलता, जिन्होंने कर्ज लिया है और आत्महत्या के कगार पर हैं. राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सरकार ने सदन को सूचित किया था कि कर माफी दी जानी चाहिए या नहीं और इसे कैसे लागू किया जाना चाहिए, इस पर स्टडी के लिए एक समिति बनाई गई है. सरकार ने कहा था कि समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद निर्णय लिया जाएगा.
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