दिवाली से पहले श्रमिकों के लिए खुशखबरी है. दरअसल श्रम विभाग ने दिल्ली के अकुशल, अर्ध कुशल और कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन बढ़ाने का आदेश जारी किया है. इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा. इसके तहत न्यूनतम मासिक वेतन में बढ़ोतरी की है. इसमें गैर मैट्रिक, मैट्रिक और स्नातक कर्मचारी शामिल हैं. यह नई दरें 01 अक्टूबर से लागू होंगी.
श्रम विभाग के मुताबिक असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें सामान्य तौर पर केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है. इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन की घोषणा की है.
दिल्ली सरकार द्वारा बढ़ाई गई न्यूनतम वेतन की नई दर के अनुसार अब कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 20,903 रुपये से बढ़ाकर 21,215 रुपये करते हुए 816 रुपये की बढ़ोतरी की है. अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 18,993 रुपये से बढ़ाकर 19,279 रुपये कर 742 रुपए की बढ़ोतरी की है. वहीं अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन में 17,234 रुपये से बढ़ाकर 17,494 रुपये करते हुए 673 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
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दिल्ली सरकार की ओर से जारी न्यूनतम वेतन की नई दरों से दिल्ली के सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा. नई दरों के अनुसार अब गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 18,993 से बढ़ाकर 19,279 रुपये कर दिया गया है, जिससे उनके मासिक वेतन में 742 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. इसी प्रकार से मैट्रिक पास का और गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 20,903 से बढ़ाकर 21,215 रुपये कर उसमें 816 रुपये की बढ़ोतरी की है. वहीं स्नातक कर्मचारियों और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 22,744 से बढ़ाकर 23,082 रुपये कर दिया गया है, इनके मासिक वेतन में सबसे अधिक 888 रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
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