उत्तरी बिहार के अधिकांश जिले इन दिनों बाढ़ को वजह से बुरी तरह से प्रभावित हैं. रोजी-रोजगार, जीवन और कृषि सभी पर संकट के बादल छाए हुए हैं. वहीं आपदा के के बीच कृषि विभाग की ओर से एक राहत की खबर आई है. कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने एक विभागीय बैठक की, जिसमें उन्होंने विभागीय अधिकारियों को बाढ़ के कारण हुए फसलों के नुकसान का एक सप्ताह के अंदर आकलन करने का निर्देश दिया है. वहीं, उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार आपदा की इस घड़ी में किसानों के साथ पूरी दृढ़ता के साथ खड़ी है.
बता दें कि उत्तर बिहार के जिलों में अचानक आई बाढ़ से हुई फसल क्षति के संबंध में कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल एवं अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. नेपाल से आई बाढ़ के कारण राज्य के 19 जिलों के 92 प्रखंड प्रभावित हुए हैं, जिसमें कुल 673 पंचायतों में लगभग 2,24,597 हेक्टेयर रकबा प्रभावित होने की सूचना है.
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कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कृषि विभाग को प्रभावित क्षेत्रों में 91,817 हेक्टेयर रकबे में 33 प्रतिशत से अधिक फसलों की क्षति होने का अनुमान है. वहीं, बाढ़ के कारण फसल क्षति का आकलन प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद कृषि विभाग वैकल्पिक फसलों के बीज से लेकर अन्य सभी विकल्पों पर विचार करेगा. किसानों को त्वरित सहायता दी जाएगी. इसके अलावा विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित किसानों को वैकल्पिक फसलों के बीज निःशुल्क दिए जाएंगे. फसल क्षति से संबंधित प्रतिवेदन से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराने के लिए कहा गया है.
विभाग के मंत्री पांडेय ने कहा कि बाढ़ का पानी निकलने के बाद बची हुई फसलों पर रोग-व्याधि लगने की आशंका ज्यादा रहती है. इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सतर्क रहने का निदेश दिया गया है. किसानों को जरूरी सलाह के साथ-साथ आवश्यक कीटनाशी दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है. अगर जरूरत पड़ी तो ड्रोन के माध्यम से भी फसलों पर रोगनिरोधी दवाओं का छिड़काव कराया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि रबी सीजन में उर्वरक आसानी से किसानों को मिल सके, इसको लेकर भी विभाग कालाबाजारी और अधिक मूल्य पर बेचने से रोकने के लिए काम कर रहा है.
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