हिमाचल प्रदेश में किसान अब बागवानी फसलों की खेती में ज्यादा रूचि ले रहे हैं. यहां के किसान टमाटर, शिमला मिर्च, बीन्स, मटर, अदरक और लहसुन जैसी नकदी फसलों की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. खास कर सिरमौर जिले के पच्छाद क्षेत्र में किसान बड़े स्तर पर कीवी की खेती कर रहे हैं. यहां के किसानों की साल में कीवी से लाखों रुपये की कमाई हो रही है. यही वजह है कि पच्छाद क्षेत्र में कीवी का रकबा बढ़कर 16 हेक्टेयर हो गया है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नरग उपतहसील के थलेड़ी गांव के प्रगतिशील किसान विजेंद्र सिंह ठाकुर कीवी की बड़े स्तर पर खेती कर रहे हैं. ऐसे ठाकुर ने 1990 के दशक में एलिसन और हेवर्ड किस्मों के 100 पौधे लगाकर कीवी की खेती शुरू की थी. चार साल बाद उन्होंने अपने बगीचे में 50 और पौधे लगाए. आज उनके बगीचे में कीवी के 150 पौधे हैं. अपनी फसल के बारे में बताते हुए ठाकुर ने कहा कि इस महीने मैंने अपने बगीचे से करीब 50 क्विंटल कीवी का उत्पादन किया, जिससे मुझे करीब 10 लाख रुपये की कमाई हुई.
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उन्होंने मुख्यमंत्री कीवी प्रोत्साहन योजना के तहत 100 कीवी पौधे लगाने के लिए राज्य सरकार से 1.6 लाख रुपये की सब्सिडी मिलने का भी जिक्र किया. ठाकुर के परिवार में 6 लोग हैं. इनका पूरा परिवार कृषि और बागवानी से जुड़ा है. उन्होंने दो मजदूर भी रखे हैं. कीवी के अलावा वे टमाटर, शिमला मिर्च, मटर और लहसुन भी उगाते हैं. वहीं, नरेंद्र पवार भी विजेंद्र सिंह ठाकुर की तरह एक प्रगतिशील किसान हैं. उन्होंने 1993 में कीवी की खेती शुरू की थी. वे भी इसी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने नौनी स्थित डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय से 150 कीवी पौधे खरीदे और विश्वविद्यालय से कीवी की खेती की बारीकियां सीखीं. पवार के बाग में अब 300 कीवी के पौधे हैं और उन्होंने इस साल लगभग 90 क्विंटल फल का उत्पादन किया है, जिससे उन्हें 15 लाख रुपये से अधिक की कमाई हुई है.
किसान नरेंद्र पवार ने कहा कि सरकार मुख्यमंत्री कीवी प्रोत्साहन योजना के तहत कीवी की खेती को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है. इसलिए बेरोजगार युवाओं को इस पहल का लाभ उठाना चाहिए. वर्तमान में, पच्छाद क्षेत्र में 16 हेक्टेयर में कीवी की खेती हो रही है, जिससे सालाना लगभग 133 मीट्रिक टन फल का उत्पादन होता है. ऐसे कीवी 4,000 से 6,000 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पनपता है और इसकी लोकप्रिय किस्मों में एलिसन, ब्रूनो, मोंटी, एबॉट और हेवर्ड शामिल हैं.
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नरेंद्र पवार की माने तो वे बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का इंतजार करने के बजाय कीवी की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. पच्छाद के बागवानी विकास अधिकारी राजेश शर्मा ने कहा कि क्षेत्र की जलवायु कीवी की खेती के लिए आदर्श है. उन्होंने कहा कि सरकार सीएम की कीवी प्रोत्साहन योजना के तहत कीवी की खेती को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है. उन्होंने बेरोजगार युवाओं से इस पहल का लाभ उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि यह फल रक्त प्लेटलेट काउंट बढ़ाने और एनीमिया से लड़ने के लिए जाना जाता है. सिरमौर में कीवी की खेती का बढ़ता चलन स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा दे रहा है और साथ ही साथ रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहा है.
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