Sardine Fish: 100 रुपये किलो वाली सारडीन मछली हो गई 400 रुपये, जानें वजह 

Sardine Fish: 100 रुपये किलो वाली सारडीन मछली हो गई 400 रुपये, जानें वजह 

कुछ मीडिया रिपोर्टस के मुताबकि कुछ दिन पहले तक रेस्तरा में तीन सारडीन मछली की एक प्लेट 60 रुपये में मिल जाती थी, लेकिन अब दो सारडीन मछली से तैयार प्लेट की कीमत 70 रुपये हो गई है. कहीं-कहीं तो इससे भी ज्यादा रेट हैं.  

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Sardine Fish: 100 रुपये किलो वाली सारडीन मछली हो गई 400 रुपये, जानें वजह मछली पालन

स्वाद के चलते सारडीन मछली खूब पसंद की जाती है. थोड़ी सस्ती भी है तो इसलिए इसकी डिमांड भी खूब रहती है. केरल में इस मछली को बहुत पसंद किया जाता है. लेकिन बीते कुछ वक्त से सारडीन मछली के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसा भी नहीं है कि अचानक से इसकी डिमांड में बढ़ोतरी हो गई हो. डिमांड भी उतनी ही है. लेकिन अब सारडीन के रेट 100 रुपये से 400 रुपये किलो पर पहुंच गए हैं. जबकि कुछ वक्त पहले तक तो इसके दाम 100 रुपये किलो से भी कम थे. 

अगर फिशरीज एक्सपर्ट की मानें तो सारडीन के दाम बढ़ने के पीछे इसकी कम होती उपलब्धता है. लेकिन ये कोई इकलौती और आखि‍री वजह नहीं है. छोटी-छोटी लेकिन खासी चौंकाने वाली और भी वजह हैं. इसका सीधा-सीधा असर रिटेल ग्राहकों की जेब पर पड़ा है. 

ये हैं सारडीन के महंगा होने की बड़ी वजह

फिशरीज एक्सपर्ट का कहना है कि अगर सिर्फ केरल की ही बात करें तो पहले समुद्र में मछली पकड़ने पर 47 दिन का प्रतिबंध हुआ करता था. लेकिन अब ये 52 दिन का हो गया है. ये एक खास वक्त के लिए होता है. देश के दूसरे राज्यों में 60 दिनों का है. मशीन वाली बोट से मछली पकड़ने पर प्रतिबंध. केरल में ही करीब 38 सौ मोटर बोट हैं. मछलियों की संख्या बढ़ाने के लिए ये कदम उठाया गया है. सिर्फ ट्रेडीशनल तरीके से छोटी नावों की मदद से मछली पकड़ने की ही अनुमति है.

जलवायु परिवर्तन भी है बड़ी वजह 

फिशरीज एक्सपर्ट का कहना है कि सारडीन मछली को जिंदा रहने के लिए 26 से 27 डिग्री सेल्सि यस तापमान वाले पानी की जरूरत होती है. जबकि केरल तट के हिंद महासागर वाले इलाके में तापमान 28 से 32 डिग्री सेल्सिरयस तक पहुंच जाता है. यही वजह है कि जवान सारडीन गहरे समुद्र से निकलकर उथले इलाके में आकर अंडे देती हैं और वापस गहरे समुद्र में चली जाती हैं.

गहरे समुद्र के बजाए तटीय इलाके में रहने वालीं सारडीन को खाने के लिए भी ठीक से नहीं मिल पाता है. जिसकी वजह से उनका वजन कम रह जाता है. इतना ही नहीं फिशरीज डिपार्टमेंट की ओर से जारी रिपोर्ट में सारडीन की लम्बाई 10 सेमी बताई गई है. जबकि मछुआरे जो सारडीन पकड़ रहे हैं उसकी लम्बाई सात या आठ सेमी ही होती है. 

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