Ginger Procurement: इस राज्‍य सरकार ने खरीदा 95 करोड़ रुपये का अदरक, किसानों को हुआ इतना भुगतान

Ginger Procurement: इस राज्‍य सरकार ने खरीदा 95 करोड़ रुपये का अदरक, किसानों को हुआ इतना भुगतान

मिजोरम सरकार ने बाना कैह योजना के तहत किसानों से 3.45 लाख क्विंटल अदरक 95 करोड़ रुपये में खरीदा, जबकि इसकी बिक्री से राज्‍य सरकार को सिर्फ 12.78 करोड़ मिले. योजना का मकसद किसानों की आय बढ़ाना और कृषि को मजबूती देना है.

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इस राज्‍य सरकार ने खरीदा 95 करोड़ रुपये का अदरक, किसानों को हुआ इतना भुगतानमिजोरम सरकार ने खरीदा 95 करोड़ का अदरक (फाइल फोटो)

मिजोरम सरकार ने राज्य के प्रमुख कार्यक्रम 'बाना कैह' या हैंडहोल्डिंग योजना के तहत किसानों से 95 करोड़ रुपये से ज्‍यादा मूल्य का 3 लाख क्विंटल अदरक खरीदा है. राज्य के कृषि और किसान कल्याण मंत्री पीसी वनलालरुआता ने गुरुवार को विधानसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कंपनियों को उपज बेचने से सरकार को अभी 12.78 करोड़ रुपये की आय हुई है. मॉनसून सत्र के दौरान सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए वनलालरुआता ने कहा कि सरकार बाना कैह कार्यक्रम के तहत किसानों के उत्थान के लिए प्रयास कर रही है.

45 करोड़ का भुगतान बकाया

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल 20 जनवरी से 30 जून के बीच हैंडहोल्डिंग योजना के तहत किसानों से 3.45 लाख क्विंटल अदरक खरीदा था. मंत्री ने आगे बताया कि सरकार ने अब तक कच्चे अदरक की खरीद के लिए समर्थन मूल्य के रूप में 95.28 करोड़ रुपये खर्च या जारी किए हैं, जबकि लगभग 45 करोड़ रुपये अभी भी किसानों को जारी किए जाने बाकी हैं.

50 रुपये के भाव से खरीदा अदरक

मंत्री के अनुसार, सरकार ने निर्धारित द्वितीयक संग्रहण केंद्रों पर 50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से अदरक खरीदा और खरीदे गए स्टॉक को नीलामी प्रणाली के माध्यम से कंपनियों को बेचा गया, जिसमें सबसे अधिक बोली लगाने वालों को वरीयता दी गई.हालांकि, सरकार को इन बिक्री से केवल 12.78 करोड़ रुपये ही मिले.

म्‍यांमार के अदरक ने बिगाड़ा खेल

वनलालरुआता ने कहा कि सरकार को किसानों से अदरक खरीदने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने बताया कि कुछ गैर-अदरक किसानों ने कथित तौर पर म्यांमार से अदरक खरीदा और कुछ मुनाफा कमाने के लिए सरकार को बेच दिया.उन्होंने कहा कि बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत केंद्र से सहायता मांगी गई है और आश्वासन दिया कि लंबित भुगतान जल्द ही किसानों को जारी कर दिए जाएंगे.

पिछले साल शुरू हुई थी योजना

पांच प्रमुख फसलों- अदरक, हल्दी, मिर्च, झाड़ू और बिना छिलके वाले चावल की खरीद सत्तारूढ़ जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था. इन फसलों को बाना कैह योजना के अंतर्गत लाया गया, जिसे सितंबर 2024 में लॉन्च किया गया था. 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने इस योजना के लिए 350 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. यह 2024-25 के 200 करोड़ रुपये से 75 प्रतिशत अधिक है.

मंत्री ने यह भी कहा कि योजना के विस्तार और बजट वृद्धि का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, उत्पादन में स्थिरता लाना और मिजोरम में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाना है. इस पहल से न केवल किसानों को सीधे लाभ मिलेगा बल्कि राज्य की आर्थिक गतिविधियों में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, साथ ही कृषि उपज की लागत और बाजार में स्थिरता सुनिश्चित होगी.

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