भारत की एडिबल ऑयल इंडस्ट्री से जुड़ी संस्था सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) ने सरकार से आग्रह किया है कि वह डी-ऑयल्ड राइस ब्रान (DORB) के निर्यात पर लगे बैन को सितंबर 2025 से आगे न बढ़ाए और जल्द से जल्द इसे हटा दिया जाए. SEA का मानना है कि यह कदम किसानों, प्रोसेसर और देश की अर्थव्यवस्था- सभी के लिए फायदेमंद होगा.
DORB पर बैन क्यों लगा था?
- सरकार ने 2023 में DORB के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, यह सोचकर कि इससे घरेलू स्तर पर फीड और दूध की कीमतों को स्थिर किया जा सके. लेकिन SEA का कहना है कि यह उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया.
- प्रोटीन मील की कीमतों में 50% तक गिरावट आ चुकी है.
- फिर भी दूध की कीमतें बढ़ रही हैं.
- DORB की कीमत भी घटकर ₹10,000–11,000 प्रति टन रह गई है.
- इससे किसानों की आमदनी पर बुरा असर पड़ा है और राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन यूनिट्स व राइस मिलों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है.
DORB के निर्यात से देश को फायदा?
बैन से पहले, भारत हर साल 5–6 लाख टन DORB का निर्यात करता था, जिससे करीब ₹1,000 करोड़ की आमदनी होती थी. ये निर्यात मुख्य रूप से एशियाई देशों को किए जाते थे. इससे:
- भारत को विदेशी मुद्रा मिलती थी.
- किसान और प्रोसेसर दोनों को बेहतर कीमत मिलती थी.
- डेयरी और पशु आहार उद्योग को सपोर्ट मिलता था.
- अब, DORB के विकल्प जैसे DDGS और मक्का अन्य देशों में भारत की जगह ले रहे हैं, जिससे भारत की एक्सपोर्ट मार्केट खो रही है.
SEA की मांग, जल्द हटाई जाए बैन
SEA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और पशुपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह को चिट्ठी लिखकर यह मांग की है कि:
- DORB के निर्यात पर लगा प्रतिबंध 30 सितंबर 2025 से आगे न बढ़ाया जाए.
- इसे पूरी तरह हटा दिया जाए, ताकि देश को फिर से लाभ मिल सके.
- बैन हटाने से क्या होंगे फायदे?
- SEA का कहना है कि अगर सरकार बैन हटाती है, तो:
- निर्यात फिर से शुरू होगा.
- किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
- गांवों में रोजगार के मौके बनेंगे.
- प्रोसेसिंग यूनिट्स की क्षमता का पूरा उपयोग होगा.
- भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में स्थिति मजबूत होगी.
DORB निर्यात पर बैन से जो लाभ मिलने की उम्मीद थी, वह पूरे नहीं हुए, उल्टा इससे घरेलू उद्योगों और किसानों को नुकसान हुआ. SEA का मानना है कि अब वक्त है इस बैन को हटाकर देश के हित में काम करने का, जिससे सभी संबंधित पक्षों को फायदा हो.