नर्सरियों के नियमों में बदलावहरियाणा में बागवानी क्षेत्र कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. फल की नर्सरियों के लिए एक नियामक ढांचा हरियाणा फल पौधशाला अधिनियम 1961 के रूप में उपलब्ध है. हालांकि, फल की नर्सरियों के अलावा अन्य बागवानी नर्सरियों के लिए अच्छी और सुंदर व्यवस्था की कमी वाले नियामक ढांचे के अभाव के कारण, अच्छी क्वालिटी और रोग ग्रस्त पौधों के सामान बेचे जा रहे हैं, जिससे फसल उत्पादकता में कमी के साथ ही किसानों और ग्राहकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसी को देखते हुए बागवानी नर्सरियों के नियमों में बदलाव किया गया है. अब हरियाणा में पौधशाला चलाने के लिए विधेयक-2025 को पारित किया गया है.
हरियाणा फल पौधशाला अधिनियम, 1961 की सीमित लागू होना है, क्योंकि इसमें सब्जियों, मसालों, घर में इस्तेमाल वाली सामानों, फूलों, सजावटी, औषधीय और सुगंधित फसलों से संबंधित बागवानी नर्सरियों के लिए क्वालिटी नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कमी के कारण, बिना किसी उत्तरदायित्व के बिना अधिकार वाली नर्सरियां चलाई जा रही हैं, जिससे अज्ञात वंशावली वाले पौधों के सामान बढ़ रहे हैं जिससे बागवानी फसल में कीटों और रोगों की वृद्धि हो रही है.
वैज्ञानिक नर्सरी प्रबंधन, क्वालिटी सुनिश्चितता और नियंत्रण करने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है, ताकि किसानों को केवल प्रमाणित और अच्छे उच्च क्वालिटी वाले पौधे और बागवानी वाले सामान ही उपलब्ध हों.
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ऐसे में हरियाणा सरकार को यह प्रतीत होता है कि वर्तमान में हरियाणा फल पौधशाला अधिनियम, 1961 को निरस्त कर, राज्य में बागवानी पौधशालाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक व्यापक कानून लाया जाए. इसे चलाने के लिए अब‘‘हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक 2025” उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए चलाया जा रहा है. इसमें हरियाणा राज्य में बागवानी पौधशालाओं के रजिस्ट्रेशन और नियंत्रण करने के लिए प्रावधान करना, बागवानी पौधशाला का स्वामी अधिनियम और इसके अधीन बनाए गए नियमों में निर्धारित मानकों के अनुसार पौधशाला का पंजीकरण कराए.
स्वामी को किसी भी श्रेणी के फलों, सब्जियों, मसालों, फूलों, सजावटी औषधीय और सुगंधित फसलों के लिए बागवानी पौधशाला का पंजीकरण कराने की अनुमति होगी, अपनी पसंद के अनुसार बागवानी पौधों की उपकिस्में और किस्में बेचने की अनुमति होगी, जबकि फल पौधों की उपकिस्में स्वीकृति में निर्देश की जाएंगी, वह एक से अधिक बागवानी पौधशालाएं रख सकता है, बशर्ते वह अलग-अलग लाइसेंस प्राप्त करें,
सक्षम प्राधिकारी को अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर प्रदान या फिर से ठीक करने में किसी भी लाइसेंस को निलंबित या रद्द करने का अधिकार प्रदान करना. बागवानी पौधशाला के स्वामी को निर्धारित प्रारूप और तरीके से अभिलेखों के रखरखाव के लिए बाध्य करना, अज्ञात वंशावली या कीट और रोग ग्रस्त बागवानी पौधे और पौधे लगाने वाली सामान को बेचने में प्रतिबंधित करना और इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध दंड का प्रावधान करना है.
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