इसलिए खेतों में नहीं आ रहे आलू इंवेस्टर, ऐसे करते हैं सौदा

इसलिए खेतों में नहीं आ रहे आलू इंवेस्टर, ऐसे करते हैं सौदा

आलू के जानकारों का कहना है कि यह पहला मौका है जब आलू इंवेस्टर और उनके ब्रोकर खेतों की तरफ नहीं आ रहे हैं. जबकि हर सीजन में होता यह है कि खुदाई के दौरान जैसा और जितना आलू निकलेगा वो हमारा होगा के आधार पर आलू के रेट तय हो जाते हैं और फसल भी बिक जाती है.

Advertisement
इसलिए खेतों में नहीं आ रहे आलू इंवेस्टर, ऐसे करते हैं सौदाआलू के खेत का प्रीतकात्मक फोटो.

मौसम के बदलते मिजाज को देखकर आलू इंवेस्टर अभी खेतों में नहीं जा रहे हैं. टक-टकी लगाए दूर से ही मौसम की चाल को देख रहे हैं. मौसम भी हर पल करवट बदल रहा है. वहीं खेतों में बैठा किसान इंवेस्टर और उनके ब्रोकर की राह देख रहा है. हालांकि 2-4 दिन में आलू की फसल पक कर तैयार हो जाएगी. 90 दिन में फसल तैयार हो जाती हैं. बावजूद इसके किसान 10 से 15 दिन तक और आलू को मिट्टी में दबाकर रखता है. 

अभी तक आलू की फसल को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. फिर भी आलू इंवेस्टर बदलते मौसम का एक-एक दिन बीतने का इंतजार कर रहा है. जबकि दिन में खिलने वाली धूप और रात का कोहरा आलू को दोहरा फायदा पहुंचा रहा है. जानकारों का कहना है कि आने वाली फसल का आलू चिप्स के मानकों को सौ फीसद तक पूरा कर रहा है.   

CIRG की इस रिसर्च से 50 किलो का हो जाएगा 25 किलो वाला बकरा, जानें कैसे 

इसलिए रिस्क नहीं ले रहे आलू इंवेस्टर 

आलू के एक्स‍पोटर और किसान युवराज परिहार ने किसान तक को बताया कि जैसे ही आलू की फसल 80-85 दिन की होती है तो आलू के इंवेस्टर और उनके ब्रोकर का आलू के खेत में आना शुरू हो जाता है. अपने अनुभव के आधार पर वो खेत की फसल का मुआयना करते हैं. बाजार का हालचाल लेते हैं. और इस आधार पर खेत में दबी आलू की फसल का सौदा कर देते हैं कि खुदाई के दौरान जैसा और जितना आलू निकलेगा वो हमारा होगा. 

Poultry: मलेशिया को दो महीने में भेजे गए 1.5 करोड़ अंडे, इस वजह से देश में बढ़े हैं भाव

लेकिन बीते तीन साल से इंवेस्टर को आलू में पैसा लगाने के बाद मुनाफा नहीं हो रहा है. मुनाफा नहीं हो रहा है तो घाटा भी नहीं हुआ है. लेकिन तीन साल तक 20-20 और 25-25 लाख रुपये लगाने के बाद भी जब मुनाफा नहीं हुआ तो इंवेस्टर ने इस साल हाथ पीछे खींच लिए हैं. जैसे पिछले साल अनुमान लगाया गया था कि आलू का उत्पादन कम होगा. इसके चलते इंवेस्टर ने आलू खरीदकर कोल्ड स्टोरेज में भर दिया. लेकिन अनुमान गलत निकला और आलू का उत्पाददन अच्छा खासा हुआ. 

आलू किसान को ऐसे सौदों से यह होता है फायदा 

आलू किसान राहुल मिश्रा का कहना है कि फसल पकने से पहले होने वाले सौदे में किसान को राहत के साथ मुनाफा भी होता है. खेत में लगी फसल का सौदा हो रहा है और सीधे ही खेत से बिक जा रही है तो कोल्ड स्टोरेज में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता है. वारदाना और कोल्ड का खर्च खुद कारोबारी ही करता है.

ये भी पढ़ें-

बकरे के मीट कारोबार में नहीं आएगी मंदी, CIRG के डायरेक्टर ने बताई ये वजह

CIRG: किसान की पसंद से ज्यादा दूध देने वाला बच्चा दे रही हैं बकरियां, जानें कैसे 

  

POST A COMMENT