Weed in Rainy Season: बरसात के दौरान चारागाह में बहुत होती हैं ये खरपतवार, पशुओं को होता है ये नुकसान 

Weed in Rainy Season: बरसात के दौरान चारागाह में बहुत होती हैं ये खरपतवार, पशुओं को होता है ये नुकसान 

Weed is Harmful for Animal पशु खेत-जंगल में चरने जाते हैं. यहां वो हर तरह की हरी पत्तियां और तने को खाते हैं. ऐसे में पशु के चरने के दौरान उसमे खरपतवार भी शामिल हो जाती है. कई बार कुछ खास तरह की खरपतवार पशुओं की मौत का कारण भी बन जाती है. खरपतवार पशु को अंदरूनी नुकसान तो पहुंचाती है साथ में शरीर से चिपकने पर खाज-खुजली तक हो जाती है. 

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Weed in Rainy Season: बरसात के दौरान चारागाह में बहुत होती हैं ये खरपतवार, पशुओं को होता है ये नुकसान गाजर घास जहां उग जाती वहां दूसरे पौधे को पनपने नहीं देती है.

Weed is Harmful for Animal बरसात के दौरान हर जगह हरियाली नजर आती है. पशुओं के खाने के लिए भी बहुत सारा हरा चारा होता है. लेकिन इस सब के साथ बरसात के दिनों में खरपतवार भी खूब उगती हैं. लेकिन ये कोई जरूरी नहीं है कि सभी तरह की खरपतवार पशुओं के लिए फायदेमंद हो. बहुत सारी ऐसी भी खरपतवार होती है जो पशुओं को नुकसान पहुंचाती है. फोडर एक्सपर्ट डॉ. बीके साहू ने किसान तक को बताया कि खरपतवार से किसान ही नहीं पशुपालक भी बहुत परेशान रहते हैं. खरपतवार के चलते पशुओं को बहुत सारी ऐसी बीमारी या परेशानी होती है जिसके चलते गाय-भैंस का दूध उत्पादन कम हो जाता है. 

खरपतवार पशुओं को कैसे पहुंचाती है नुकसान? 

  • लैंटाना कैमरा की पत्तियां खाने से पशु पीलिया का शिकार हो जाता है. 
  • लैंटाना कैमरा की पत्तियों का असर पशु की आंखों पर भी पड़ता है. 
  • गाजर घास के संपर्क में आने से पशु के शरीर पर सूजन और खुजली हो जाती है. 
  • कॉकलेबर या छोटा धतूरा लीवर पर अटैक करता है. 
  • छोटा धतूरा खाने से पशुओं को पीलिया भी हो जाता है. 
  • छोटा धतूरा किडनी और हॉर्ट पर भी असर डालता है.  
  • जॉनसन घास जहरीली होती है, और इसका असर पशु के पूरे शरीर पर हो सकता है. 
  • पंक्चरवाइन खरपतवार सूखे इलाके में होती है. इसकी चपेट में सबसे ज्यादा भेड़ आती हैं. 
  • ये भेड़ों की आंखों की रोशनी पर असर डालती है. 
  • पंक्चरवाइन भेड़ों के खुरों में घाव तक कर देती है. 
  • इतना ही नहीं पंक्चरवाइन पशुओं के शरीर में पंक्चर (छेद) कर देती है. 
  • पंक्चरवाइन खरपतवार पशुओं के पेट को भी बुरी तरह से प्रभावित करती है. 
  • जैंथियम स्ट्रैख मारियम का फल पशुओं के शरीर पर चिपक जाता है. 
  • ये फल कांटेदार होता है तो इसके चलते पशुओं को बहुत ज्यादा परेशानी होती है. 
  • एस्ट्रा ग्लाओस खरपतवार राजस्थान में होती है. 
  • गर्भवती भेड़ और बकरी एस्ट्रा ग्लाओस खा ले तो उनका गर्भपात हो जाता है.
  • रोडो डेंड्रोन खरपतवार कश्मीर में होती है. 
  • रोडो डेंड्रोन खाने से भेड़-बकरी को दस्त लग जाते हैं. 
  • रोडो डेंड्रोन खरपतवार दूध और खून पर भी असर डालती है. 
  • पत्तेदार स्पेरेज के खाने से पशुओं को दस्त लग जाते हैं. 
  • पत्तेदार स्पेरेज खाने से पशुओं के शरीर में कमजोरी होने लगती है. 
  • पत्तेदार स्पेरेज खरपतवार भेड़ के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक मानी जाती है. 
  • सूखे की स्थिति होने पर चेनोपोडियम खरपतवार पनपने लगती है. 
  • चेनोपोडियम में नाइट्रोजन की मात्रा एक हजार पीपीएम तक पहुंच जाती है. 
  • जब पशु चेनोपोडियम खाता है तो उसे सांस की बीमारी हो जाती है. 
  • नीटल खरपतवार के बाल से पशुओं में खुजली होने लगती है. 

निष्कर्ष-

बरसात के दिनों में खेत, चारागाह और जंगल में हरियाली खूब होती है. लेकिन ये सीधे तौर पर पशुओं को खि‍लाने लायक नहीं होती है. इसी में खरपतवार भी शामिल होती है. इसलिए हरे चारे को सुखाकर और खरपतवार छांटकर ही पशुओं को खि‍लाएं. 

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