Pigeon Feed Issue: कबूतरों को दाना खिलाने वालों पर क्यों हो रही है एफआईआर, पढ़ें डिटेल Pigeon Feed Issue: कबूतरों को दाना खिलाने वालों पर क्यों हो रही है एफआईआर, पढ़ें डिटेल
FIR on Pigeon Feed कोई शौक में कबूतरों को दाना खिलाता है तो कोई किसी ज्योतिष के कहने पर परेशानी दूर करने के लिए कबूतरों को दाना खिलाता है. ज्योतिष की ओर से कहा तो पक्षियों के लिए जाता है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर पक्षियों के नाम पर कबूतर ही मिलते हैं. लेकिन अब कबूतरों को दाना खिलाना महंगा पड़ सकता है.
BJP leader Chitra Wagh, another nominated member of the Council, said she lost her aunt due to respiratory diseases arising from pigeon droppings. (Photo: X)नासिर हुसैन - New Delhi,
- Aug 05, 2025,
- Updated Aug 05, 2025, 2:41 PM IST
FIR on Pigeon Feed अचानक से सोशल मीडिया पर कबूतरों को दाना खिलाने वालों को ट्रोल किया जा रहा है. लोगों से अपील की जा रही है कि कबूतरों को दाना न खिलाएं. कबूतरों के लिए घोंसले न बनाएं. मुम्बई में तो पुलिस ने दाना खिलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया है. इसके चलते दाना खिलाने वालों में हड़कंप मचा हुआ है. मुम्बई ही नहीं ज्यादातर शहरों में कबूतरों को सड़क किनारे या किसी एक खास पॉइंट पर दाना डाला जाता है. जहां सैकड़ों की संख्या में कबूतर दाना खाने आते हैं.
कबूतरों को दाना खिलाने से क्यों रोक रही पुलिस?
- लोगों का आरोप है कि कबूतर की बीट और पंख से बीमारी फैलती है.
- सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (CARI), बरेली, यूपी पक्षियों पर रिसर्च करता है.
- CARI के डायरेक्टर डॉ. अशोक तिवारी ने किसान तक को बताया कि बीमारी फैलने की बात सही है.
- पुलिस भी दाना खिलाने वालों पर बीमारी बढ़ाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कर रही है.
- कबूतरों की आबादी को कंट्रोल करने के लिए एक्ट के मुताबिक नियम बने हुए हैं.
- कबूतरों की आबादी कम करने को घोंसले और दाना-पानी की जगह कम की जा रही हैं.
कबूतरों की बीट और पंख से क्या नुकसान होता है?
- CARI के डायरेक्टर डॉ. अशोक तिवारी के मुताबिक बीट और पंख नुकसानदायक होते हैं.
- कबूतरों की बीट सूखने के बाद खतरनाक हो जाती है.
- बीट सूखकर हवा में घुल जाती है और सांस के साथ इंसानी शरीर में पहुंच जाती है.
- कबूतरों के बहुत छोटे-छोटे पंख के रेशे भी सांस के साथ इंसानी शरीर में चले जाते हैं.
- गीली बीट में बैक्टरिया जल्दी हो जाते हैं.
- कबूतरों की बीट और पंख से सांस संबंधी बीमारी हो जाती है.
- कमजोर इम्यूनिटी वाले इंसान पर ये बीमारी जल्द असर करती है.
- कबूतरों के जरिए बर्ड फ्लू के खतरे से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.
क्या कबूतर पालने वालों को नुकसान नहीं होता है?
- यूपी के रहने वाले दिनेश चौधरी कबूतरबाज एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं.
- दिनेश चौधरी ने बताया कबूतर पालने के दौरान साफ-सफाई पर जोर दिया जाता है.
- कबूतरों की छत की हर रोज सफाई की जाती है.
- जिस दड़बे में कबूतर रहते हैं उसकी हर हफ्ते सफाई की जाती है.
- कबूतरों की गीली बीट की ही सफाई कर दी जाती है.
- बीट सूखने के बाद पानी से दोबारा गीली होने पर ज्यादा खतरनाक हो जाती है.
निष्कर्ष-
हाईराइज बिल्डिंग की खिड़की और एसी पर कबूतर जल्दी अपना ठिकाना बनाते हैं. इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि आपके घर या फ्लैट के आसपास कबूतर अपना ठिकाना न बनाने पाएं. अगर जंगली और अर्धजंगली कबूतर ठिकाना बनाने की कोशिश करें तो उन्हें ऐसा न करने दें.
ये भी पढ़ें- Breed Production: OPU-IVF से मां बनेंगी सड़क-खेतों में घूमने वाली छुट्टा गाय, हर गाय आएगी काम
ये भी पढ़ें- Egg Production: पोल्ट्री फार्म में कैसे बढ़ेगा अंडा उत्पादन, पढ़ें पोल्ट्री एक्सपर्ट के 10 टिप्स