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दूध और उससे बने प्रोडक्ट‍ के इंपोर्ट पर क्यों हो रही है चर्चा? जानें यहां 

दूध और उससे बने प्रोडक्ट‍ के इंपोर्ट पर क्यों हो रही है चर्चा? जानें यहां 

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि साल 2020-21 में 35.80 मिलियन अमेरिकी डालर का स्किम्ड मिल्क पाउडर का एक्सपोर्ट हुआ था. लेकिन साल 2021-22 में यही आंकड़ा 270 फीसद जैसे बड़े आंकड़े की बढ़ोतरी के साथ 132.66 मिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया था. 

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दूध और बटर का प्रतीकात्मक फोटो- फोटो क्रेडिट- संदीप सिंह दूध और बटर का प्रतीकात्मक फोटो- फोटो क्रेडिट- संदीप सिंह

बीते कुछ दिनों से दूध और दूध से बने प्रोडक्ट इंपोर्ट करने की चर्चा हो रही है. बड़ी-बड़ी खबरों के साथ ही सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं. हालांकि, डेयरी और पशुपालन मंत्रालय इसका खंडन कर चुका है. लेकिन किसान तक की पड़ताल बताती है कि दूध और उससे बने प्रोडक्ट इंपोर्ट करने की चर्चा ऐसे ही नहीं हो रही है. इसके पीछे एक बड़ी वजह है. इसी के चलते आने वाली गर्मियों में दूध की कमी और इंपोर्ट करने की आशंका जताई जा रही है. दूध के लगातार बढ़ रहे रेट के पीछे भी यही वजह बताई जा रही है. 

कॉमर्स इंडस्ट्री, एपीडा, डीजीसीआई (कोलकाता) के आंकड़े और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2021-22 में रिकॉर्ड 19954 टन बटर एक्सपोर्ट किया गया था. साल 2020-21 के मुकाबले यह करीब चार गुना था. इस साल सिर्फ 4449 टन बटर एक्सपोर्ट किया गया था. डेयरी जानकार बताते हैं कि साल के जिन चार महीनों में डेयरी कंपनियां अपने इमरजेंसी सिस्टम में बटर का स्टॉक करती हैं उस वक्त सबसे ज्यादा बटर एक्सपोर्ट किया गया.

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तीन साल जमकर स्किम्ड मिल्क पाउडर हुआ एक्सपोर्ट

खासतौर पर कोरोना-लॉकडाउन और उसके बाद यानी तीन साल जमकर स्किम्ड मिल्क पाउडर का एक्सपोर्ट हुआ है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2019-20 में 935.41 मीट्रिक टन स्किम्ड मिल्क पाउडर एक्स‍पोर्ट हुआ था. दूध उत्पादन में भारत की पहली पोजिशन को देखते हुए तो यह आंकड़ा कुछ भी नहीं है. लेकिन साल 2020-21 में 13457 मीट्रिक टन, 2021-22 में 46293 मीट्रिक टन और 2022-23 में जनवरी तक 16349 मीट्रिक टन स्किम्ड  मिल्क पाउडर का एक्सपोर्ट हो चुका है. 

दिसम्बर से मार्च तक खूब एक्सपोर्ट हुआ बटर 

कॉमर्स इंडस्ट्री के आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्या‍दा बटर का एक्सपोर्ट दिसम्बर 2021 से मार्च 2022 तक हुआ. यह चार वो महीने थे जब एक साल पहले के मुकाबले 10 से 20 गुना तक बटर एक्सपोर्ट किया जा रहा था. इन चार महीनों में करीब 500 करोड़ रुपये के बटर का एक्सपोर्ट किया गया था. जबकि एक साल पहले इन्हीं चार महीनों में 46 करोड़ रुपये का बटर एक्सपोर्ट किया गया था.जबकि इस आंकड़े के मुकाबले साल 2022 के मई में 67 करोड़ तो जून में 48 करोड़ रुपये के बटर का एक्सपोर्ट हो गया था. साल 2022 के सितम्बर में सबसे कम 10 करोड़ रुपये का बटर एक्सपोर्ट किया गया था. 

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साल 2021-22 में कई गुना बढ़ा डेयरी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट 

एपीडा के आंकड़े बताते हैं कि दो साल के मुकाबले 2021-22 में डेयरी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट कई गुना बढ़ गया है. इस मामले में भारत से बड़ी मात्रा में डेयरी प्रोडक्ट खरीदने वालों में 10 प्रमुख देश हैं. यह वो देश हैं जिन्होंने इस साल कई गुना ज्यादा दूध, घी और बटर के साथ दूसरे प्रोडक्ट खरीदे हैं. इसमें पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर बांग्लादेश 684 करोड़, यूएई 438 करोड़ और बहरीन 214 करोड़ रुपये हैं. जबकि साल 2019-20 में बांग्लागदेश ने 8 करोड़ के डेयरी प्रोडक्ट, यूएई ने 264 करोड़ और बहरीन ने 25 करोड़ रुपये के डेयरी प्रोडक्ट भारत से खरीदे थे.

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