बीते 25 से 27 दिन में अंडा बाजार आसमान से जमीन पर आ गया है. 26 दिन पहले तक देश के थोक अंडा बाजार में 600 से 639 रुपये के 100 अंडे बिक रहे थे. लेकिन देखते ही देखते अंडा बाजार 360 रुपये तक पर आ गया है. बाजार ने पोल्ट्री फार्मर के होश उड़ा दिए. हर किसी का एक ही सवाल था कि ऐसा क्या हुआ जो मार्च से पहले ही रेट के मामले में अंडा बाजार 40 से 45 फीसद तक गिर गया. पोल्ट्री एक्सपर्ट का आरोप है कि नए चिक्स (मुर्गी के चूजे) बेचने को खासतौर पर फरवरी-मार्च में साजिशन अंडा बाजार गिराया जाता है.
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामपाल डाहंडा ने बताया कि अंडा देने वाली लेयर बर्ड का एक दिन का बच्चा 42 से 46 रुपये का आता है. 19 से 20 महीने तक की मुर्गी 80 से 90 फीसद अंडा देती है. इसके बाद 20 दिन की मोल्टिंग पर लगाकर मुर्गी से फिर 80 से 90 फीसद तक अंडा लिया जाता है. एक लेयर बर्ड अपने जीवनकाल में दो सीजन ही अच्छी तरह से अंडा देती है.
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यूपी के पोल्ट्री संचालक मनीष शर्मा ने किसान तक को बताया कि पूरा दिसंबर और 18 जनवरी तक अंडा बाजार बहुत अच्छा गया है. छोटे-छोटे से पोल्ट्री फार्मर ने भी अच्छा मुनाफा कमाया. जनवरी में भी बाजार अच्छा चला और 639 रुपये तक पहुंच गया. हालांकि हर साल बहुत सारे पोल्ट्री फार्मर जनवरी-फरवरी में नए चिक्स की बुकिंग शुरू करा देते हैं. लेकिन अंडे के दाम सही मिल रहे थे तो जनवरी में किसी ने बुकिंग नहीं कराई. मौसम के चलते भी लोगों ने हाथ पीछे खींच लिए थे. यही वजह है कि जब आधी जनवरी बीतने के बाद भी हैचिंग कंपनियों में नए चूजों के ऑर्डर नहीं पहुंचे तो वहां खलबली मच गई. जिसके बाद 17-18 जनवरी से बाजार गिरना शुरू हो गया. पोल्ट्री फार्मर नए चूजे का ऑर्डर वक्त से दे दें, फरवरी से चूजों की सप्लाई शुरू हो जाए इसके लिए हैचिंग कंपनियां अंडा बाजार गिराने की साजिश रचती हैं.
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यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने बताया कि जून-जुलाई में पाले गए चूजे चार से पांच महीने बाद यानी दिसम्बर में अंडा देना शुरू कर देते हैं. जिसे पहला सीजन माना जाता है. हालांकि, मुर्गियां अंडा तो 12 महीने देती हैं, लेकिन गिनती सीजन के हिसाब से की जाती है. इसी तरह से अगले साल फिर अक्टूबर से फरवरी तक के सीजन में अंडा लिया जाता है. इसके साथ ही पुरानी मुर्गी को बदलने के लिए जनवरी में नए चूजों का ऑर्डर लगा दिया जाता है. जो इस बार ना के बराबर है. जनवरी में ऑर्डर लगने के बाद मार्च-अप्रैल में जाकर चूजे मिलते हैं.
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