Exclusive: कर्नाटक में छिड़ा Amul-Nandini विवाद, अमूल के MD ने कहीं ये 4 बड़ी बात

Exclusive: कर्नाटक में छिड़ा Amul-Nandini विवाद, अमूल के MD ने कहीं ये 4 बड़ी बात

जानकारों की मानें तो कर्नाटक के करीब 22 हजार गांवों में नंदनी ब्रांड का अपना नेटवर्क है. नंदनी के साथ करीब 24 लाख दूध उत्पादक और 14 हजार कोऑपरेटिव सोसाइटीज जुड़ी हैं. नंदनी ब्रांड के नाम पर रोजाना करीब 84 लाख किलो दूध का लेन-देन होता है. 

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Exclusive: कर्नाटक में छिड़ा Amul-Nandini विवाद, अमूल के MD ने कहीं ये 4 बड़ी बातअमूल म‍िल्क पार्लर का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट-अमूल

देखते ही देखते अमूल और कर्नाटक के सरकारी दुग्ध उत्पाद ब्रांड नंदिनी का विवाद सोशल मीडिया पर भी आ गया. विवाद को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. सत्ताधारी दल और विपक्ष आमने-सामने हैं. लेकिन किसान तक से हुई बातचीत में अमूल के एमडी जायन मेहता ने इस ताजा विवाद पर चार बड़ी बात कही हैं. अगर एमडी की कही गई बातों पर गौर करें तो अमूल और नंदिनी के बीच कोई विवाद ही नहीं है. यह तो अमूल की एक सामान्य सी लांचिंग को सियासी तूल दिया जा रहा है. वहीं दूसरी इस विवाद को लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमलावर हो रहा है. 
 
अमूल के एमडी जायन मेहता का कहना है कि हम ऐसे किसी भी आरोप को सिरे से खारिज करते हैं जिसमे यह कहा जा रहा रहा है कि दूध के रेट में अमूल नंदनी को पीछे छोड़कर उसे बाजार से बाहर कर देगी. यह एकदम बेबुनियाद आरोप है. कर्नाटक में हमारा दूध महंगा और नंदनी का सस्ता है. ऐसे में नंदनी के बाजार से बाहर होने का तो कोई मतलब ही नहीं उठता है. 

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कर्नाटक में 13 साल से आइसक्रीम और 8 से दूध बेच रही है अमूल 

अमूल के एमडी जायन मेहता ने किसान तक से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान बताया कि हमारे ब्रांड की एक सामान्य सी कर्नाटक लांचिंग पर विवाद खड़ा किया जा रहा है. कर्नाटक में दूध की जंग और न जाने क्या-क्या नाम दिया जा रहा है. जबकि हकीकत यह है कि हम साल 2015 से हुबली और बेलगाम में पाउच का दूध बेच रहे हैं. इतना ही नहीं 2010 यानि 13 साल से कर्नाटक के कई शहरों में हमारी आइसक्रीम भी बिक रही है.

सच्चाई यह है कि हमारी आइसक्रीम नंदनी के प्लांट में स्थानीय डेयरी किसानों से लिए गए दूध से तैयारी होती है. वहीं इसकी पैकिंग भी होती है. बीते 13 साल से आइसक्रीम और आठ साल से दूध का कारोबार बहुत ही सामान्य तरीके से चल रहा है. आजतक किसी भी तरह का कोई विवाद हमारे और नंदनी डेयरी के बीच में नहीं हुआ है.  

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अमूल भी किसानों की और नंदनी भी, तो फिर विवाद कहां है 

एमडी जायन मेहता ने इस पूरे विवाद पर किसानों के हितों को साफ करते हुए कहा है कि अमूल भी कोअपरेटिव है और नंदनी भी. दोनों से ही बड़ी संख्या में डेयरी किसान जुड़े हैं. फिर डेयरी किसानों की एक संस्था किसानों की दूसरी संस्था की दुश्मन कैसे हो सकती है. कैसे वो किसानों के हितों को दरकिनार करेगी. यह सिर्फ अफवाह है. जैसे अमूल से जुड़े किसान हमारे लिए सर्वोपरि हैं ठीक वैसे ही नंदनी से जुड़े किसान भी हमारे लिए सबसे पहले हैं. इस विवाद का कर्नाटक लांचिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हम अपने प्लान के तहत तय वक्त पर अमूल ब्रांड को लांच करेंगे. 

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