सरकार के तमाम दावों और प्रयासों के बाद भी सोयाबीन उत्पादक राज्यों में दाम बढ़ने का नाम नहीं ले रहा है. यहां तक कि देश की कुछ मंडियों में इसका दाम एमएसपी से भी 2000 रुपये तक नीचे चल रहा है. जबकि सोयाबीन एक प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका भारत में खाद्य तेल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण योगदान है. इसके बावजूद सोयाबीन का दाम न बढ़ना किसानों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. इस साल देशभर में सोयाबीन का बंपर उत्पादन हुआ है. लेकिन, सोयाबीन किसानों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उन्हें उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार ने सोयाबीन के लिए 4892 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया है, लेकिन मंडी में इसके दाम एमएसपी से नीचे मिल रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं महाराष्ट्र की अनाज मंडियों में सोयाबीन का दाम कितना है?
अनाज मंडी | आवक | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत | मॉडल प्राइस |
जलगांव (9 दिसंबर) | 50 | 4100 | 4100 | 4100 |
पार्टुर | 49 | 4072 | 4175 | 4170 |
मुरुम | 314 | 3500 | 4100 | 3820 |
सिलोड (8 दिसंबर) | 105 | 4000 | 4000 | 4100 |
कन्नड़ | 51 | 3800 | 4000 | 3900 |
राहुरी | 26 | 4000 | 4100 | 4050 |
वरोरा | 188 | 3700 | 4000 | 3800 |
बुलढाना | 400 | 3550 | 4050 | 3800 |
भिवापुर | 175 | 3000 | 4005 | 3500 |
सरकार ने 15 प्रतिशत तक नमी वाले सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दे दी है, लेकिन कीमत इतनी कम है कि किसानों को इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है. चुनाव से पहले महायुति ने एमएसपी 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने का ऐलान किया था. उत्पादन की बात करें तो इस साल मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सोयाबीन की पैदावार हुई है. इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर राजस्थान है.
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