प्याज एक ऐसी चीज है जो तेज हो तो रुला देता है, लेकिव जब इसकी झार ना लगे तो पता भी नहीं लगता कि प्याज कटा भी है. ये नवैयत सिर्फ प्याज की नहीं बल्कि इसके दाम की भी है. जो बढ़े तो मंडी और महंगाई के नाम पर राजनीति करने वाले संसद तक में प्याज पर प्रपंच शुरू कर देते हैं. मगर जो एक बार इसी प्याज का दाम गिर जाए तो यही सारे प्याज पॉलिटिक्स वाले अपनी जुबान और जमीर दबाकर बैठे रह जाते हैं. जब प्याज का दाम चढ़ता है तो जेब भरती है व्यापारी और प्याज माफियाओं की, लेकिन जब इसका दाम गिरता है तो सिर्फ प्याज सड़ती ही नहीं है बल्कि किसानों की उम्मीदें भी टूटती हैं. इस समय देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक महाराष्ट्र की कई मंडियों में इसका दाम महज 1 और 2 रुपये किलो रह गया है.
दरअसल, महाराष्ट्र, जिसे प्याज की राजधानी कहते हैं, महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के मुताबिक 28 जुलाई को वहां की कुछ मंडियों में प्याज का भाव 100 रुपये प्रति क्विंटल रहा. यानी 1 रुपये प्रति किलो. सोलापुर की लाल मंडी में प्याज का न्यूनतम भाव 100 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम 2000 रुपये प्रति क्विंटल है, वहीं औसत भाव 1100 रुपये प्रति क्विंटल है. इसी तरह छत्रपति संभाजीनगर मंडी में प्याज का न्यूनतम भाव 200 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम भाव 1400 रुपये प्रति क्विंटल है और औसत भाव 800 रुपये प्रति क्विंटल है.
इसी तरह जालना की मंडी में भी प्याज का न्यूनतम भाव 200 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज हुआ, अधिकतम भाव 1540 रुपये मिला और औसत भाव 750 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जुन्नार मंडी में प्याज न्यूनतम 300 रुपये क्विंटल, अधिकतम रेट 1550 रुपये प्रति क्विंटल और औसत दाम 1000 रुपये प्रति क्विंटल रहा. .यानी कि देखा जाए तो सोलापुर के अलावा महाराष्ट्र की दूसरी मंडियों में भी 2 और 3 रुपये प्रति किलो प्याज का भाव रहा.
मंडी का नाम | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव | औसत भाव |
छत्रपति संभाजीनगर | 200 रु. | 1400 रु. | 800 रु. |
जुन्नार (नारायणगांव) | 300 रु. | 1550 रु. | 1000 रु. |
सोलापुर लाल मंडी | 100 रु. | 2000 रु. | 1100 रु. |
जालना | 200 रु. | 1540 रु. | 750 रु. |
अगर हम प्याज के वर्तमान भाव को पिछले साल से तुलना करें तो पाएंगे कि इस साल प्याज का भाव करीब आधे पर आ गिरा है. 27 जुलाई 2025 को प्याज का औसत दाम 1437.61 रुपये प्रति क्विंटल रहा, तो वहीं पिछले साल यानी 27 जुलाई 2024 को प्याज का औसत भाव 2640.15 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था. साफ है कि 2024 के मुकाबले 2025 में प्याज का भाव 45.54 प्रतिशत गिरा है. अगर प्याज का उत्पादन देखें तो प्याज का उत्पादन जहां पिछले वर्ष लगभग 242.67 लाख टन रहा, उसकी तुलना में ये साल 2024-25 में लगभग 307.72 लाख टन होने की उम्मीद है. यानी कि पिछले साल की तुलना में 65.05 लाख टन प्याज अधिक है.
प्याज का भाव 1 रुपया प्रति किलो होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है एक्सपोर्ट में कमी. डीजीसीआईएस (DGCIS) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 में जहां भारत से कुल 25.25 लाख मीट्रिक टन प्याज निर्यात हुआ था, वहीं 2023-24 में यह घटकर 17.17 लाख टन पर आ गया. अब 2024-25 में प्याज का एक्सपोर्ट घटकर आधे से भी कम पहुंच गया, यानी सिर्फ 11.48 लाख मीट्रिक टन रह गया है.
दरअसल, होता ये है कि जब भी किसी कमोडिटी के एक्सपोर्ट पर नकेल कसी जाती है तो उसका लोकल बाजार में भाव एकदम धड़ाम हो जाता है. अब प्याज का एक्सपोर्ट घटने से इसका दाम तो पूरी तरह से गिर गए और इससे जाहिर है कि आम आदमी को राहत मिलेगी. मगर जो किसान प्याज के भाव रो रहा है, इस पाताल में जा चुके दाम के साथ किसान को उसके प्याज के साथ सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है.
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