अरहर दाल की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंचीं, 19 फीसदी बढ़ा दाम, जानिए कब मिलेगी सस्ती तूर  

अरहर दाल की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंचीं, 19 फीसदी बढ़ा दाम, जानिए कब मिलेगी सस्ती तूर  

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार केरल में अरहर दाल की सर्वाधिक भाव दर्ज किया गया है और उसके बाद बिहार और उत्तर प्रदेश में थोक कीमत दर्ज की गई है. राष्ट्रीय स्तर पर अरहर दाल का भाव बीते साल की तुलना में 19 फीसदी बढ़ गया है.

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अरहर दाल की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंचीं, 19 फीसदी बढ़ा दाम, जानिए कब मिलेगी सस्ती तूर  राष्ट्रीय स्तर पर 1 किलो अरहर दाल का थोक भाव 96 रुपये के करीब है.

अरहर यानी तूर दाल की कीमतों ने रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गई हैं. केरल में सर्वाधिक थोक कीमत 14842 रुपये प्रति क्विंटल पर जा पहुंची है. इस साल मई में 13428 रुपये प्रति क्विंटल के बाद भाव में यह सर्वाधिक उछाल है. राष्ट्रीय स्तर पर अरहर दाल का मौजूदा भाव 9662 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है, जो बीते साल से 19 फीसदी अधिक है. यह कीमत यूपी, बिहार और केरल को छोड़कर बाकी राज्यों में है. इस हिसाब से राष्ट्रीय स्तर पर 1 किलो अरहर दाल का थोक भाव 96 रुपये के करीब है. 

केरल, बिहार और यूपी में सर्वाधिक भाव 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार केरल में अरहर दाल की सर्वाधिक भाव दर्ज किया गया है और उसके बाद बिहार और उत्तर प्रदेश में थोक कीमत दर्ज की गई है. केरल में जहां थोक भाव 14842.85 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि, बिहार में 14000 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश में 10522.39 रुपये प्रति क्विंटल थोक भाव दर्ज किया गया है. जबकि, बाकी राज्यों में अरहर दाल का भाव 9394.19 रुपये प्रति क्विंटल है जो बीते साल की तुलना में 27 फीसदी अधिक है. राष्ट्रीय स्तर पर अरहर दाल के थोक भाव की बात करें तो 9662 रुपये प्रति क्विंटल है जो बीते साल के भाव 8182 रुपये प्रति क्विंटल की तुलना में 18.1 फीसदी अधिक है.

कब मिलेगी दालों की महंगाई से राहत 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के महंगाई आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2024 में खाद्य महंगाई दर 14 माह के उच्चतम स्तर 10.87 फीसदी पर पहुंच गई है. जबकि, दालों की महंगाई दर अक्टूबर में 7.43 फीसदी दर्ज की गई है. दालों की मौजूदा बढ़ती कीमतों को देखते हुए अनुमान है कि नवंबर माह के आंकड़ों में दालों की महंगाई दर 8 फीसदी को पार कर सकती है. आरबीआई अनुमान के अनुसार नई फसल की आवक के साथ खाद्य महंगाई दर में गिरावट देखी जाएगी. एक्सपर्ट का कहना है कि खरीफ सीजन में बोई गई अरहर दाल की कटाई दिसंबर में शुरू हो जाती है, जिससे मंडियों में नई आवक दिसंबर के अंत तक या जनवरी में शुरू हो जाएगी और तब दाल की कीमतों में राहत मिलने की उम्मीद है.

खपत से कम उत्पादन बढ़ाता है परेशानी 

देश में अरहर का उत्पादन 35 लाख मीट्रिक टन के करीब है, जबकि घरेलू खपत 45 लाख मीट्रिक टन है. ऐसे में केंद्र सरकार को मोजांबिक, म्यांमार समेत दूसरे देशों से दाल का आयात करना पड़ता है. जबकि, पीली मटर के इस्तेमाल से खपत को पूरा करने की भी कोशिश की जाती है. इस बार अरहर दाल का उत्पादन 40 लाख टन के पार पहुंचने की संभावना जताई गई है. क्योंकि, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस बार खरीफ सीजन में किसानों ने अरहर की बुवाई 6 लाख हेक्टेयर में अधिक की है, जिसके बाद कुल रकबा बीते साल के 40.74 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 46.50 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. 

कर्नाटक-महाराष्ट्र में अधिक उपज की उम्मीद 

देश में दालों में सर्वाधिक खपत तूर की होती है और उसके बाद चने की दाल की मांग रहती है. इसी तरह देश में कर्नाटक तूर दाल उत्पादन में नंबर वन है और महाराष्ट्र अरहर की खेती में दूसरे स्थान है. दोनों राज्य अनियमित मौसम की वजह से अरहर के संभावित उत्पादन से पीछे रह जाते हैं. खरीफ सीजन में भारी बारिश और तूफान की वजह से खरपतवार और कीट-रोगों के प्रकोप का खतरा किसानों को बढ़ा है. इसके बावजूद इस बार अन्य राज्यों में भी अधिक रकबे में बुवाई को देखते हुए उत्पादन अधिक रहने का अनुमान है. 

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