Soybean Price: एमएसपी तो दूर लागत से भी कम कीमत पर सोयाबीन बेचने पर मजबूर किसान, जान‍िए प्रमुख मंड‍ियों के भाव

Soybean Price: एमएसपी तो दूर लागत से भी कम कीमत पर सोयाबीन बेचने पर मजबूर किसान, जान‍िए प्रमुख मंड‍ियों के भाव

सोयाबीन के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्‍य में किसान कम कीमतों के कारण बदहाल हैं. कीमतें इस कदर नीचे आ चुकी हैं कि उन्‍हें लागत से भी कम में उपज बेचने का मजबूर होना पड़ रहा है. चुनाव के दौरान किसानों को अच्‍छी कीमत देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक उन्‍हें कोई राहत नहीं मिली है.

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Soybean Price: एमएसपी तो दूर लागत से भी कम कीमत पर सोयाबीन बेचने पर मजबूर किसान, जान‍िए प्रमुख मंड‍ियों के भावसोयाबीन की कीमतें एमएसपी से काफी नीचे पहुंची. (सांकेतिक तस्‍वीर)

पिछले कई महीनों से देशभर में सोयाबीन किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. नौबत यहां तक आ पहुंची है कि किसानों की खेती की लागत भी नहीं निकल पा रही है. इसकी एक बानगी महाराष्‍ट्र में देखने को मिल रही है, जहां विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी के नेतृत्‍व वाली महायुति ने 6000 रुपये एमएसपी का वादा किया था. अब उसी राज्‍य में किसान सोयाबीन को वर्तमान एमएसपी 4892 रुपये से 2800 रुपये तक कम कीमत पर बेच रहे हैं. सरकार भी इस बात को मानती है कि एक क्विंटल सोयाबीन के उत्‍पादन में किसानों की लागत 3261 रुपये आती है. कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है. जानिए महाराष्‍ट्र की विभ‍िन्‍न मंडियों में सोयाबीन किस भाव से बिक रही है...

महाराष्‍ट्र की विभ‍िन्‍न मंडियों में सोयाबीन की कीमतें

 मंडी आवक(क्विंटल में) न्‍यूनतम कीमत (रु./क्विंटल) अध‍िकतम कीमत (रु./क्विंटल) औसत कीमत (रु./क्विंटल)
पिंपलगांव 51 2000  4165 3670
अहिल्‍यानगर 57 3800 4200 4000
येवला 28 3800  3990 3960
लासलगांव 423 3200  4115 4080
लासलगांव-विंंचुर 1344 3000 4151 4050
जलगांव 23  3900   4040  4040
बारशी 1027 3900 4150 4050
मोरशी 602 3800 4100 3950
लातुर-मुरुद 54 3500 4151 3800
जालना 5931 3300 4350 4050
उमरगा 12 2800 3950 3690 

सोर्स: महाराष्‍ट्र एग्रीकल्‍चर मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार,  6 जनवरी 2025 के आंंकड़े

चुनावी वादा पूरा नहीं होने से किसान परेशान

मालूम हो कि महाराष्‍ट्र सोयाबीन के प्रमुख उत्‍पादक राज्‍यों में शामिल है. इस बार पहले नंबर पर मध्‍य प्रदेश है और दूसरे नंबर पर महाराष्‍ट्र है. महाराष्‍ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में सोयाबीन की कम कीमतें बड़ा मुद्दा थीं, लेकिन अब सरकार बनने के बाद भी किसानों को राहत के नाम पर भी कुछ नहीं मिल रहा है.

ट्रांसपोर्ट पर भी जेब से खर्च हो रहे पैसे 

किसानों का लागत निकालना तो मुश्किल हो रही रहा है. साथ ही ट्रांसपोर्ट पर भी अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ रहा है. सत्‍तारुढ़ महायुति ने किसानों को सोयाबीन पर 6000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी देने का ऐलान किया था, जबकि‍ महा विकास अघाड़ी ने जीतने पर 7000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी का वादा किया था. चुनाव में जनता और किसानों ने महायुति को चुना, किसानों की समस्‍या जस की तस बनी हुई है.

बता दें कि खरीफ सीजन की तिलहन फसल की खरीद ज्‍यादातर राज्‍यों में 15 जनवरी तक जारी है, लेकिन महाराष्‍ट्र में इसकी आखिरी तारीख 12 जनवरी है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के शीत सत्र के समापन के बाद एक बयान में इसकी जानकारी दी थी.

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