गोरखपुर में बनेगा UP का पहला फॉरेस्ट्री कॉलेज, डिप्लोमा कोर्स से युवाओं को मिलेगी की नौकरी

गोरखपुर में बनेगा UP का पहला फॉरेस्ट्री कॉलेज, डिप्लोमा कोर्स से युवाओं को मिलेगी की नौकरी

सीएम योगी ने कहा कि आज हम सभी क्लाइमेट चेंज के कारण और असमय बारिश, अतिवृष्टि तो कभी सुख जैसी स्थितियों को देख रहे हैं. दूसरी तरफ प्लास्टिक कचरे के कारण गोवंश और खेती को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है. 

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गोरखपुर में बनेगा UP का पहला फॉरेस्ट्री कॉलेज, डिप्लोमा कोर्स से युवाओं को मिलेगी की नौकरीवन से संबंधित पढ़ाई के लिए डिग्री और डिप्लोमा के पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे. (सांकेतिक तस्वीर)

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग को निर्देशित करते हुए कहा है कि गोरखपुर में एक फॉरेस्ट्री कॉलेज बनाएं, जहां वन से संबंधित पढ़ाई के लिए डिग्री और डिप्लोमा के पाठ्यक्रम चलाए जाएं. इससे वन विभाग की आवश्यकता के अनुरूप विभिन्न पदों पर युवाओं को नौकरी भी मिल सकेगी. साथ ही यह फॉरेस्ट्री को विकसित करने और वन संरक्षण का बड़ा माध्यम भी बनेगा.

सीएम योगी शुक्रवार को गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज के भारीवैसी में स्थापित दुनिया के पहले जटायु  राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र’ का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब विकास प्रकृति और पर्यावरण को बचाकर किया जाएगा, तभी वह सतत विकास होगा. लंबे समय तक उसका लाभ मिलेगा. प्रकृति और पर्यावरण की कीमत पर होने वाला विकास क्षणिक और खतरनाक होता है. इसके दूरगामी परिणाम होते हैं.

पेस्टीसाइड के दुष्प्रभाव से गिद्धों की संख्या तेजी से घटी

गिद्धराज जटायु के रामायणकालीन आख्यान का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पेस्टीसाइड के दुष्प्रभाव से पर्यावरण के संरक्षक गिद्धों की संख्या तेजी से घटी है. उनके संरक्षण के लिए यूपी और भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का पहला संरक्षण केंद्र कैम्पियरगंज में खोला गया है. खुशी की बात यह भी है कि इस केंद्र में वनटांगिया समुदाय के लोग भी केयरटेकर के रूप में नौकरी से जुड़े हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति और इसके जीवों को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है.

प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के प्रति संकल्पित है सरकार

सीएम योगी ने कहा कि सरकार प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए संकल्पित भाव से कम कर रही है. हमारे इन्हीं कार्यों की देन है कि आज उत्तर प्रदेश देश ही नहीं बल्कि दुनिया का ऐसा पहला राज्य है जिसने 7 वर्षों में 200 करोड़ के पौधारोपण के लक्ष्य को हासिल किया है. 2017 के पहले हमें जहां जंगलों की कटान देखने को मिलती थी वहीं अब बड़े पैमाने पर पौधे लगाए और बचाए जा रहे हैं. प्रकृति, पर्यावरण और वर्तमान पीढ़ी को बचाने के लिए आवश्यक भी है क्योंकि यदि प्रकृति सुरक्षित नहीं रहेगी तो मानवता पर भी संकट आएगा.

क्लाइमेट चेंज आज सबसे बड़ी चुनौती

सीएम योगी ने कहा कि आज हम सभी क्लाइमेट चेंज के कारण और असमय बारिश, अतिवृष्टि तो कभी सुख जैसी स्थितियों को देख रहे हैं. दूसरी तरफ प्लास्टिक कचरे के कारण गोवंश और खेती को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जंगल ऑक्सीजन के केंद्र हैं. इनके माध्यम से क्लाइमेट चेंज की चुनौतियां से भी बचा जा सकता है. सरकार पर्यावरण संरक्षण के क्रम में जहां 100 वर्ष पुराने वृक्षों को हेरिटेज वृक्ष घोषित कर एक विस्तृत श्रृंखला खड़ी कर रही है तो वहीं वेटलैंड, पक्षी विहार, टाइगर रिजर्व भी बना रही है. मैंने कहा कि प्रदेश में जंगलों के बढ़ने के साथ ही हरियाली का दायरा भी बड़ा है इससे जंगली जीवों को बचाने में भी कामयाबी मिली है. इसी के साथ नदियों का संरक्षण भी कर रही है. इन प्रयासों के चलते नदियों में अब जल की शुद्धता की प्रतीक डॉल्फिन भी दिखाई देने लगी है.

लखनऊ में बनने जा रहा नाइट सफारी- वन मंत्री

इस अवसर पर वन, पर्यावरण एवं जंतु उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों जटायु संरक्षण केंद्र की सौगात मिली है. उन्होंने कहा कि विश्व में अभी सिर्फ पांच नाइट सफारी हैं, छठवीं नाइट सफारी लखनऊ में बनने जा रहा है.

 

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