राजस्थान में आठ सितंबर को प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर जनसुनवाई की जाएगी. राजस्थान सरकार ने हाल ही में यह आदेश पारित किया है. जनसुनवाई कार्यक्रमों में आम लोगों की समस्याओं के साथ-साथ खेती-किसान, गांव-देहात की कुछ ऐसी समस्याएं भी आती हैं जिनका समाधान नहीं होने के चलते लोग कानूनी झंझावत में फंस जाते हैं. ये केस सालों तक कोर्ट-कचहरियों में चलते रहते हैं. जन अभियोग निराकरण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जनसुनवाई तीन स्तर पर की जाएगी.
जन अभियोग निराकरण विभाग के मुताबिक जन सुनवाई कार्यक्रमों को तीन स्तर पर किया जाएगा. इसमें सितंबर महीने के शुक्रवार यानी आठ तारीख को ग्राम पंचायत स्तर पर जन सुनवाई होगी.
पहले यह कार्यक्रम महीने के पहले गुरूवार को किए जाते थे, लेकिन इस दिन राजकीय अवकाश होने के कारण इसे आठ सितंबर को किया जा रहा है. इसके बाद उपखंड स्तर पर जनसुनवाई के लिए 14 सितंबर को चुना गया है. वहीं, जिला स्तरीय जनसुनवाई 21 सितंबर को की जाएगी.
जन अभियोग निराकरण विभाग के प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता ने बताया कि आमजन की परिवेदनाओं के प्रभावी निराकरण के लिए राज्य के सभी जिलों में मई, 2022 से यह त्रिस्तरीय जनसुनवाई शिविर की जा रही हैं. इससे संबंधित दिशा निर्देश सभी जिला कलक्टरों को दे दिए गए हैं.
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साथ ही शिविरों के आयोजन का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए गए हैं. गुप्ता ने कहा कि शिविरों में मिली शिकायतों को तीन दिन के भीतर सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं और जिला जन अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठकों का पहले की तरह आयोजित करने के लिए भी कहा गया है.
जनसुनवाई के लिए लगने वाले यह कैंप गांव-देहात के लिए बेहद जरूरी होते हैं. इनमें गांवों में होने वाली समस्या सीधे सरकार तक पहुंचती है. वहीं, गांवों में खेतों के रास्तों को लेकर भी कई बार ग्रामीणों में झगड़ा होता है. प्रशासन के सीधे गांव में पहुंचने से इस तरह के केस कोर्ट-कचहरी तक नहीं पहुंचते.
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इससे किसान न्यायिक प्रक्रिया में होने वाले खर्चे से बचते हैं. जनसुनवाई की तरह ही राजस्थान सरकार प्रशासन आपके द्वार कैंप भी समय-समय पर लगाती है. इसमें जमीनी वाद-विवाद, आपसी झगड़े, प्रशासन तक नहीं पहुंचने वाली समस्याएं भी दर्ज हो जाती हैं. इससे ग्रामीणों को काफी राहत मिलती है.
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