Farmer Income: सीएम योगी का ग्राम-ऊर्जा मॉडल बदलेगा गांवों की सूरत, किसानों को भी होगा डबल फायदा!  

Farmer Income: सीएम योगी का ग्राम-ऊर्जा मॉडल बदलेगा गांवों की सूरत, किसानों को भी होगा डबल फायदा!  

Farmer Income: योगी सरकार की योजना है कि केवल गोशालाओं तक सीमित न रहते हुए यह मॉडल किसानों के दरवाजे तक पहुंचे. बायोगैस यूनिटों की स्थापना सीधे किसानों के घरों या खेतों के पास की जाएगी. इससे वे स्वयं के उपयोग के लिए गैस और खाद दोनों का उत्पादन कर सकें. इससे खेती की लागत में भारी कमी आएगी और उत्पादकता में वृद्धि होगी. 

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Farmer Income: सीएम योगी का ग्राम-ऊर्जा मॉडल बदलेगा गांवों की सूरत, किसानों को भी होगा डबल फायदा!  Farmer Income: सीएम योगी ने बनाया गांवों के लिए नया प्‍लान

उत्तर प्रदेश के गांवों की तस्वीर अब बदलने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ग्राम-ऊर्जा मॉडल के तहत एक नई योजना की शुरुआत हो रही है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर और ऊर्जा-संपन्न बनाया जाएगा. इस योजना से न सिर्फ केवल घरेलू रसोई गैस की खपत में भारी कमी आएगी, बल्कि जैविक/ प्राकृतिक खाद के उत्पादन से कृषि को भी नई दिशा मिलेगी. उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि गांवों में घरेलू बायोगैस यूनिटों की स्थापना से रसोई में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी की खपत में करीब 70 फीसदी तक की कमी आएगी. इससे न केवल ग्रामीण परिवारों की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा. 

किसानों के दरवाजे पर बायोगैस यूनिट

योगी सरकार की योजना है कि केवल गोशालाओं तक सीमित न रहते हुए यह मॉडल किसानों के दरवाजे तक पहुंचे. बायोगैस यूनिटों की स्थापना सीधे किसानों के घरों या खेतों के पास की जाएगी. इससे वे स्वयं के उपयोग के लिए गैस और खाद दोनों का उत्पादन कर सकें. इससे खेती की लागत में भारी कमी आएगी और उत्पादकता में वृद्धि होगी. 

मनरेगा के तहत मिलेगा लाभ

इस योजना को मनरेगा से भी जोड़ा गया है, जिसके तहत ग्रामीण किसानों को व्यक्तिगत पशुशाला (इंडिविजुअल कैटल शेड) निर्माण का लाभ मिलेगा. इन पशुशालाओं से उत्पादित गोबर का उपयोग बायोगैस यूनिट में कर किसान खुद की रसोई के लिए गैस बना सकेंगे. साथ ही, इससे निकलने वाली स्लरी को वे आसपास के जैविक खेती करने वाले किसानों को बेचकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकेंगे. इससे वे गैस व खाद दोनों में आत्मनिर्भर बनेंगे. 

43 गोशालाओं में होंगे खाद प्‍लांट 

योगी सरकार 43 चयनित गोशालाओं में बायोगैस और जैविक खाद संयंत्रों को चालू करने जा रही है. इन संयंत्रों से न सिर्फ गैस का उत्पादन होगा, बल्कि गोबर से तैयार स्लरी से जैविक/प्राकृतिक खाद भी बनेगी. हर गोशाला से प्रतिमाह 50 क्विंटल स्लरी तैयार होने की संभावना है, जिसे आसपास के किसान उपयोग में ला सकेंगे. 

मिलेगा युवाओं को रोजगार

इस योजना से एक ओर जहां पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. संयंत्रों के संचालन, रखरखाव, खाद वितरण, तकनीकी सहायता जैसे कार्यों में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को जोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार यह मॉडल ‘आत्मनिर्भर ग्राम, सशक्त किसान’ के सपने को साकार करेगा. माना जा रहा है कि सीएम योगी का यह ग्राम-ऊर्जा मॉडल उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला साबित होगा. जैविक खेती, स्वच्छ ऊर्जा और स्थानीय रोजगार सृजन की त्रिस्तरीय रणनीति के तहत यह योजना ग्रामीण विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकती है. 

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