महाराष्‍ट्र के 5 जिलों में 24 साल में 21,219 किसानों ने आत्महत्या की, फसल नुकसान और कर्ज के कारण दी जान

महाराष्‍ट्र के 5 जिलों में 24 साल में 21,219 किसानों ने आत्महत्या की, फसल नुकसान और कर्ज के कारण दी जान

महाराष्ट्र के अमरावती राजस्व संभाग के पांच जिलों में पिछले 24 साल में 21,219 किसानों ने आत्महत्या की है. यह जानकारी एक आधिकारिक रिपोर्ट में दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आंकड़ा जनवरी 2001 से जनवरी 2025 के बीच अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वाशिम और यवतमाल जिलों में हुई मौतों का है.

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महाराष्‍ट्र के 5 जिलों में 24 साल में 21,219 किसानों ने आत्महत्या की, फसल नुकसान और कर्ज के कारण दी जानमहाराष्‍ट्र में किसान आत्‍महत्‍या के मामले. (सांकेतिक तस्‍वीर)

देशभर में किसानों की आत्‍महत्‍या का विषय जस का तस बना हुआ है. किसानों की आत्‍महत्‍या के मामल में महराष्‍ट्र शीर्ष राज्‍यों में शामिल है. क्‍योंकि यहां एक बड़ा इलाका सूखे की चपेट में है. वहीं, कई इलाकों में भारी बारिश, ओलावृष्टि, बैमौसम बारिश जैसी मौसम परिस्थित‍ियां भी कई बार फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे किसान उबर नहीं पाते और कर्ज के बोझ से परेशान होकर आत्‍महत्‍या जैसा कदम उठाते हैं. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के अमरावती राजस्व संभाग के पांच जिलों में पिछले 24 साल में 21,219 किसानों ने आत्महत्या की है. यह जानकारी एक आधिकारिक रिपोर्ट में दी गई है. 

इन जिलों के हैं आत्‍महत्‍या के मामले

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आंकड़ा जनवरी 2001 से जनवरी 2025 के बीच अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वाशिम और यवतमाल जिलों में हुई मौतों का है. इसमें इस साल जनवरी में हुई 80 किसानों की आत्महत्याएं शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 24 वर्षों के दौरान अमरावती जिले में 5,395, अकोला जिले में 3,123, यवतमाल जिले में 6,211, बुलढाणा जिले में 4,442 और वाशिम जिले में 2,048 किसानों ने आत्महत्या की है। जनवरी 2025 में अमरावती जिले में 10, अकोला में 10, यवतमाल में 34, बुलढाणा में 10 और वाशिम जिले में सात किसानों ने आत्महत्या की है.

आत्‍महत्‍या का कारण- लोन और फसल नुकसान

 रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 वर्षों में कुल आत्महत्याओं में से 9,970 मामले (सरकारी मुआवजे के लिए) पात्र थे, 10,963 अपात्र थे, जबकि 319 मामले जांच के लिए लंबित हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 9,740 मामलों में सहायता दी गई है. मौजूदा मानदंडों के अनुसार, केवल कुछ आत्महत्याएं ही मुआवजे के लिए पात्र हैं - जिनमें से कुछ कारक यह साबित करते हैं कि यह कृत्य ऋण न चुकाने, फसल के नुकसान का परिणाम है और व्यक्तिगत कारणों से नहीं है.

सरकार से सम्‍मानित किसान ने की आत्‍महत्‍या

इससे पहले मार्च में महाराष्‍ट्र के बुलढाणा जिले के देवलगावराजा तहसील के शिवनी आरमाल नामक गांव के रहने वाले राज्‍य सरकार से सम्मानित किसान कैलाश नागरे ने जहरीली दवा पीकर आत्महत्या कर ली थी. किसान की लाश उसी के खेत में पाई गई थी, 43 वर्षीय किसान को महाराष्ट्र सरकार की ओर से वर्ष 2020 में युवा किसान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. किसान फरवरी 2025 में शिवानी आरमाल तालाब पर गांववासियों को हो रही पानी की समस्या के लिए 5 दिन अनशन पर भी बैठा था. (पीटीआई)

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