आपने वो लाइन सुनी होगी "देने वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ के" लेकिन इस बार आसमान नहीं बल्कि जमीन के नीचे से किसान की किस्मत चमकी है. कुरनूल जिले के पेंडेकल गांव के एक किसान को खेत में काम करते हुए चमचमाता हीरा मिला है. इससे पहले भी हीरे मिलने की खबरें आती रही हैं लेकिन इस हीरे की कीमत के आगे पिछली कई खबरों में मिलने वाले हीरे की चमक को फीका कर दिया है. आपको बता दें कि इस हीरे की कीमत 50 लाख रुपये के आसपास है. हालांकि किसान ने स्थानीय व्यापारियों को हीरा बेचने से इंकार कर दिया है.
कुरनूल जिले के तुग्गली मंडल में, जोन्नागिरी, मदनाथपुरम, पगिरिराई, गिरिगेटला, एर्रागुडी और पेरावली क्षेत्रों में अक्सर हीरे मिलते रहते हैं. कुछ किसान तो बताते हैं कि छोटे-मोटे हीरे किसानों को हर हफ्ते भी मिल जाते हैं. हीरे मिलने का समय जून-जुलाई होता है, जब पहली बरसात होती है. मई के पहले हफ्ते में किसानों ने खेतों की जुताई की और जमीन में छिपे हीरे बाहर आ गए. बारिश होने पर उन पर जमी मिट्टी हट गई और वे चमक उठे. स्थानीय लोग बताते हैं कि प्राचीन काल में, श्री कृष्ण देवराय के शासनकाल में हीरे ढेरों में दबाए गए थे जो कभी-कभी निकल आते हैं.
किसान ने स्थानीय व्यापारियों को खेत में मिला हीरा बेचने से इनकार कर दिया और कहा कि स्थानीय व्यापारी इसे सस्ते में खरीद कर 10 लाख रुपये में बेचेंगे किसान को उम्मीद थी कि हीरे की अधिकतम कीमत लगभग 50 लाख रुपये होगी. पिछले दिनों तुग्गली के एक किसान को अपने खेत में काम करते हुए डेढ़ लाख रुपये में एक हीरा मिला, जिसे जोनागिरी के एक हीरा व्यापारी ने खरीद लिया.
कुरनूल जिले के कई इलाकों में हीरे मिलते रहते हैं. पिछले साल एक बैल के पैर में एक पत्थर फंस गया और किसान के घर में घुसते ही वह नीचे गिर गया, इस हीरे की कीमत लगभग 20 लाख रुपये के आसपास बताई गई. इसके अलावा एक अन्य महिला अपने पति को खाना देने के लिए खेत में चावल धो रही थी तभी पानी नीचे गिर गया और एक पत्थर मिला, जिसकी कीमत 50 लाख रुपये है. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां दूर-दूर से लोग आते हैं और मिट्टी छानकर हीरा ढूंढने की कोशिश करते रहते हैं.
(रिपोर्ट: अपूर्वा)
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