पेट्रोल में इथेनॉल की मिलावट को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं. ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोगों का कहना है कि इथेनॉल 2021 से पहले के मॉडल वाले वाहनों के लिए कुछ हद तक नुकसानदायक है. सर्विस के दौरान गाड़ियों में रबड़ के कंपोनेंट बदलने जरूरी हैं. लेकिन 2021 के बाद बनने वाली गाड़ियों के मॉडल में ऐसे कंपोनेंट लगाए जा रहे हैं, जो इथेनॉल से खराब नहीं होते. साथ ही विशेषज्ञों ने कहा कि इथेनॉल काम में लेने से पर्यावरण को फायदा मिलता है. चूंकि यह गन्ने के वेस्ट से तैयार होता है. सरकार को आम उपभोक्ता को राहत देने के लिए पेट्रोल की कीमतें कम करनी चाहिए.
देश में इथेनॉल से गाड़ियों को होने वाले नुकसान की बहस के बीच, पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि इथेनॉल के इस्तेमाल से गाड़ियों में रबर व कुछ जरूरी चीज सर्विसिंग के दौरान बदली जाएंगी. लेकिन इससे पर्यावरण को फायदा होता है और गाड़ी का माइलेज बेहतर होता है. इसके साथ ही देश का पैसा भी बच रहा है. इसको लेकर फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एशोसिएशन (FADA) के पूर्व अध्यक्ष व फाउंड मेंबर निकुंज सांघी ने बताया कि पेट्रोल में इथेनॉल के इस्तेमाल से पर्यावरण को फायदा होगा.
इससे किसानों को भी फायदा मिल रहा है और गन्ने का बेस्ट अच्छे दामों पर बिक रहा है. इथेनॉल बनाने के लिए बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां लग रही हैं. साथ ही पेट्रोल में एथेनॉल मिलने से सरकार को करोड़ों का फायदा हुआ है. क्योंकि पेट्रोल दूसरे देशों से खरीदा जाता है, ऐसे में अब पेट्रोल की बचत हो रही है.
निकुंज सांघी ने कहा कि इथेनॉल से नई गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं है. लेकिन 2021 से पहले के मॉडल की गाड़ियों में समय-समय पर रबड़ के कंपोनेंट चेंज करने पड़ते हैं. ऐसे में उपभोक्ता की जेब पर थोड़ा भार पड़ता है. लेकिन अब जो नए मॉडल की गाड़ियां आ रही हैं, उनमें उस तरह के पार्ट्स लगाए जा रहे हैं जो एथेनॉल के इस्तेमाल से खराब नहीं होते. इथेनॉल के इस्तेमाल से गाड़ी के एवरेज पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.
इथेनॉल का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे प्रदूषण नहीं होता है. यह एक नेचुरल प्रोसेस से निकलने वाला पदार्थ है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर आम उपभोक्ता को भी राहत देनी चाहिए, पेट्रोल के दाम में कटौती करनी चाहिए. ताकि आम उपभोक्ता की जेब पर पड़ने वाला भार भी काम हो सके.
गौरतलब है कि सरकार ने हाल ही में पेट्रोल में 20 प्रतिशत तक इथेनॉल की मिलावट शुरू कर दी गई है. इसी के बाद से सोशल मीडिया समेत बहुत सारे उपभोक्ता इथेनॉल वाले पेट्रोल से साइड इफेक्ट के अनुभव साझा कर रहे हैं. लोग गाड़ी के इंजन के पार्ट्स की खराबी और माइलेज गिरने की शिकायत कर रहे हैं.
(रिपोर्ट- हिमांशु शर्मा)
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