इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगने जा रहा है. हालांकि चंद्र ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसे शुभ नहीं माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा की रात जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने का प्रयास करते हैं तो चंद्रमा पर ग्रहण लग जाता है. वहीं चंद्र ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से भी सूतक काल को अच्छा समय नहीं माना जाता है. ग्रहण का सूतक काल शुरू होते ही किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान, मंदिर को छूने या खाने-पीने पर रोक लग जाती है. साथ ही इस दौरान घर से बाहर निकलकर ग्रहण देखना भी अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि इस दौरान प्रकृति में एक अजीब सी शक्ति उत्पन्न हो जाती है, जिसका सभी जीव-जंतुओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं चांद का हमारी जिंदगी पर क्या होता है असर.
चंद्रमा के कमजोर होने पर इसका असर इंसानों के जीवन पर भी पड़ता है. इसका प्रभाव न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. जब चंद्रमा कमजोर स्थिति में होता है, तो आंखों की समस्याएं, खराब पाचन, खराब प्रजनन शक्ति, भ्रष्ट बुद्धि और लंबे समय तक बुखार हो सकता है.
ये भी पढ़ें: Lunar Eclipse 2023: लगने वाला है साल का अंतिम चंद्र ग्रहण, जानें किस पर पड़ेगा कैसा असर
जब कुंडली में चंद्रमा अशुभ योग बना रहा हो या चंद्रमा अच्छा न हो तो कुंडली में "केमद्रुम" जैसे योग का निर्माण होता है. इसके कारण वह व्यक्ति राजपरिवार में जन्म लेने के बावजूद अपनी सारी संपत्ति खो देता है, अपना पूरा जीवन गरीबी में बिताता है और गरीबी में ही मर जाता है.
विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है. इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को ढक लेती है. दूसरी ओर, सूर्य की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर चंद्रमा पर पड़ती है. इससे चंद्रमा चमकीला हो जाता है.
चंद्र ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है. चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. सिलाई-बुनाई का कार्य नहीं करना चाहिए. इस दौरान पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए. आप घर बैठे भगवान के मंत्रों का जाप कर सकते हैं. इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकालने की सलाह दी जाती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today