पूसा के नए निदेशक की न‍ियुक्ति पर सवाल, ICAR में भर्ती घोटाले का आरोप...पीएम मोदी से लगाई बड़ी गुहार 

पूसा के नए निदेशक की न‍ियुक्ति पर सवाल, ICAR में भर्ती घोटाले का आरोप...पीएम मोदी से लगाई बड़ी गुहार 

आईसीएआर की गवर्न‍िंग बॉडी के सदस्य वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र ल‍िखकर ICAR के डीजी ह‍िमांशु पाठक और सचिव संजय गर्ग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही पूसा के निदेशक के तौर पर डॉ. सीएच. श्रीनिवास राव की हाल ही में की गई नियुक्ति को रद्द करते हुए प‍िछले पांच वर्षों में हुई भर्त‍ियों की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है.  

Advertisement
पूसा के नए निदेशक की न‍ियुक्ति पर सवाल, ICAR में भर्ती घोटाले का आरोप...पीएम मोदी से लगाई बड़ी गुहार ईसीएआर गवर्निंग बॉडी के सदस्य वेणुगोपाल बदरवाड़ा.

भारत में खेती-क‍िसानी और पशुपालन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूम‍िका अदा करने वाले भारतीय कृष‍ि अनुसंधान पर‍िषद (ICAR) में प‍िछले कुछ वर्षों के दौरान हुईं भर्त‍ियों पर सवाल उठने लगे हैं. दुनिया के सबसे बड़े कृषि सिस्टम में गिने जाने वाले आईसीएआर की गवर्न‍िंग बॉडी के सदस्य वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र ल‍िखकर पर‍िषद के अंदर भर्ती घोटाले का आरोप लगाया है. लगभग 96 साल पुराने आईसीएआर के अधीन 113 र‍िसर्च इंस्टीट्यूट और 71 कृषि विश्वविद्यालय आते हैं. बदरवाड़ा ने भारतीय कृष‍ि अनुसंधान संस्था (IARI) पूसा के निदेशक के रूप में डॉ. सीएच. श्रीनिवास राव की हाल ही में की गई नियुक्ति पर भी सवाल उठाते हुए गंभीर चिंता जताई है.

बदरवाड़ा ने श्रीनिवास राव की पूसा के न‍िदेशक के तौर पर नियुक्ति आदेश को रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने आईसीएआर में पिछले पांच वर्षों से भर्ती घोटाला होने के आरोप लागते हुए उनकी उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है. 'क‍िसान तक' से बातचीत में बदरवाड़ा ने आईसीएआर के वर्तमान महान‍िदेशक ह‍िमांशु पाठक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा क‍ि यहां एक बड़ा स‍िंड‍िकेट चल रहा है जो पक्षपातपूर्ण तरीके से भर्त‍ियां करवा रहा है. उन्होंने कहा क‍ि पूसा न‍िदेशक की भर्ती का मामला अभी अदालत में व‍िचाराधीन है, ऐसे में कैसे क‍िसी की न‍ियुक्त‍ि हो सकती है? उन्होंने कहा क‍ि भारत का कृषि भविष्य आईसीएआर जैसे संस्थानों की ईमानदारी पर निर्भर करता है. आईसीएआर के भीतर भ्रष्टाचार का मौजूदा दौरखेती और क‍िसानों को खतरे में डालने वाला है.  

भर्ती न‍ियमों में हेराफेरी

बदरवाड़ा ने भर्ती नियमों में हेराफेरी के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा क‍ि आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक और सचिव संजय गर्ग द्वारा भर्ती नियमों में अनधिकृत बदलाव किए गए. संशोधनों के लिए कानूनी रूप से अधिकृत अथॉर‍िटी के गवर्न‍िंग बॉडी की मंजूरी नहीं ली गई थी. इन परिवर्तनों ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और अखंडता को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है. यही नहीं, कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (एएसआरबी) ने भी आईसीएआर द्वारा किए गए परिवर्तनों पर आपत्ति नहीं जताई और अपने अधिकार को छोड़ दिया. 

जाली दस्तावेज पर एक्शन नहीं 

आईसीएआर के गवर्न‍िंग बॉडी मेंबर ने कहा क‍ि पूसा न‍िदेशक की भर्ती से जुड़ा एक मामला अभी भी विचाराधीन है, क्योंकि कई आवेदकों ने सेंट्रल एडम‍िन‍िस्ट्रेट‍िव ट्रिब्यूनल में इस प्रक्रिया को चुनौती दी हुई है. आईसीएआर ने स्वीकार किया है कि एक उम्मीदवार डॉ. कल्याण के. मंडल ने जाली प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया, इसके बावजूद धोखाधड़ी में शामिल लोगों या संस्थानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बदरवाड़ा ने आरोप लगाया क‍ि डॉ. पाठक और गर्ग ने नियुक्ति प्रक्रिया में हेराफेरी की और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह किया.

मानदंडों का उल्लंघन

वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने कहा है क‍ि पूसा न‍िदेशक के तौर पर डॉ. श्रीनिवास राव की नियुक्ति स्थापित मानदंडों के उल्लंघन के बारे में गंभीर सवाल उठाती है. आईसीएआर के अध्यक्ष और गवर्न‍िंग बोर्ड के अध्यक्ष के पास ऐसे महत्वपूर्ण पदों के लिए योग्यताओं को एकतरफा रूप से बदलने का अधिकार नहीं है. ऐसे में जो कुछ भी हुआ है वो चिंताजनक गठजोड़ को उजागर करता है जिसकी तत्काल जांच की आवश्यकता है. 

किसानों की उम्मीदों पर प्रहार  

बदरवाड़ा ने आईसीएआर की भर्ती प्रणाली को हेरफेर और पक्षपात से ग्रस्त बताते हुए उसमें व्यापक सुधार की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा क‍ि र‍िसर्च मैनेजमेंट पोज‍िशन (आरएमपी) के लिए मानदंडों में हाल ही में किए गए संशोधन ने भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता से समझौता किया है, ज‍िसने भारत में कृषि र‍िसर्च और प्रशासन के भविष्य को खतरे में डाल दिया है. योग्यता मानदंडों में संशोधन करके प्रमुख पदों के लिए विशिष्ट व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है.

आईसीएआर की गवर्न‍िंग बॉडी सदस्य के तौर पर वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने पहले ही अनुरोध किया है कि आईसीएआर संस्थानों में चल रहे और निर्धारित सभी र‍िसर्च मैनेजमेंट पोज‍िशन के साक्षात्कारों को तब तक के लिए स्थगित कर दिया जाए जब तक कि गवर्न‍िंग बॉडी द्वारा मामले का निर्णय नहीं हो जाता. भर्ती मानदंडों में हेराफेरी और हाल की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी ने आईसीएआर की अखंडता को गहरा नुकसान पहुंचाया है और जनता के विश्वास को कम किया है. इस मोर्चे पर कोई भी समझौता लाखों किसानों की उम्मीदों पर सीधा प्रहार है.

हालांक‍ि, इस बारे में हमने जब आईसीएआर के महान‍िदेशक डॉ. ह‍िमांशु पाठक से पूछा तो उन्होंने कहा क‍ि वेणुगोपाल बदरवाड़ा के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. इसका खंडन किया जा रहा है. 

कौन हैं बदरवाड़ा? 

मूल रूप से आंध्र प्रदेश के एलुरु जिले के रहने वाले वेणुगोपाल बदरवाड़ा इस समय वाराणसी के मणिकर्णिका क्षेत्र स्थ‍ित श्री यम आदित्य मंदिर में संत के तौर पर रहते हैं. उन्हें प‍िछले वर्ष तीन साल के ल‍िए आईसीएआर गवर्न‍िंग बॉडी का सदस्य बनाया गया था. वो ज़ेबू मवेशियों की नस्लों के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम करते हैं. उन्होंने ज़ेबू मवेशियों, पशुधन और कृषि अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करते हुए पांच महाद्वीपों के 21 देशों की यात्रा की हुई है. बहरहाल, वो आईसीएआर में व्याप्त भ्रष्टाचार के ख‍िलाफ आवाज बुलंद क‍िए हुए हैं.  

इसे भी पढ़ें: Farmers Protest: क‍िसान आंदोलन के बीच पढ़‍िए अन्नदाताओं की आय पर नाबार्ड की चौंकाने वाली र‍िपोर्ट

इसे भी पढ़ें: Agri Loan: कृष‍ि कर्ज पर क‍िसानों ने जीता बैंकों का भरोसा, बदल‍िए अन्नदाताओं को 'बदनाम' करने वाला माइंडसेट 

POST A COMMENT