'गुजरात की बासमती' के रूप में जाना जाने वाला कृष्णा कमोद बेहद स्वादिष्ट चावल है. यह अपने बेहतरीन स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है. इस चावल के दाने लंबे और पतले होते हैं और रंग सुंदर, सुनहरा होता है. इस चावल को पकाए जाने पर उससे पौष्टिक स्वाद आता है. यह पुलाव, बिरयानी और अन्य भारतीय व्यंजनों में उपयोग के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है. कृष्णा कमोद चावल बनाने में आसान होता है. ये स्वाद में मीठा होता है, इसमें कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. ये चावल विशेषकर मधुमेह के रोगियों के लिए उपयुक्त होता है. इसका उत्पादन मुख्य तौर पर गुजरात में होता है. यह चावल बेहतर पाचन, अच्छा मूड और वजन घटाने में मदद करता है.
कृष्ण कमोद चावल को "गुजरात का बासमती" कहा जाता है. एक खास बात ये भी है कि इसमें हल्का अखरोट जैसा स्वाद होता है. बात करें इस चावल की खेती की तो यह धान की अन्य किस्मों के विपरीत होती है. कृष्णा कमोद चावल की कटाई में 140 दिन तक का समय लगता है. इसके पौधे की ऊंचाई लगभग पांच फीट तक होती है.
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इस चावल की खासियत ये है कि इसका पौधा आम इंसानों की ऊंचाई तक बढ़ता है और खेतों में भी सुगंध फैलाता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने के कारण कृष्णा कमोद की बाजार में अधिक मांग होती है. कृष्णा कमोद चावल दूध, दलिया और दूध मिठाई बनाने के लिए बेहतर माना जाता है.
कमोद चावल एक पारंपरिक भारतीय चावल है जो अपने पौष्टिक स्वाद और सुगंधित क्वालिटी के लिए जाना जाता है. इसका उपयोग अक्सर भारतीय व्यंजनों में बिरयानी और पुलाव जैसे व्यंजनों में किया जाता है. कमोद चावल एक लंबे दाने वाला चावल है जो आमतौर पर भारत के उत्तरी भागों में उगाया जाता है.
कृष्णा कमोद चावल खाने के कई फायदे हैं. चावल की यह किस्म विटामिन और खनिजों से भरपूर है और यह फाइबर का अच्छा स्रोत है. इसके अतिरिक्त, इस चावल में कैलोरी और वसा कम होती है, जो इसे उन लोगों के लिए एक स्वस्थ विकल्प बनाता है जो वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं. कृष्णा कमोद चावल ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है.
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