आलू को सदाबहार सब्जी कहा जाता है.यह इकलौती सब्जी है, जिसे लगभग सभी सब्जियों के साथ पकाया जा सकता है. कुछ लोग मांसाहारी व्यंजनों में भी इसका उपयोग उपयोग करने लगे हैं. इसके अलावा इससे कई तरह के स्ट्रीट फूड बनाए जाते हैं, जैसे समोसा, कचौरी, आलू पूरी, आलू दम आदि इसलिए इसकी मांग बाजार में पूरे साल बनी रहती है. देश में आलू की खेती भी बड़े पैमाने में की जाती है.देश के कई किसान आलू की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाते हैं.
कई बार देश के किसानों को आलू की खेती से अच्छा उत्पादन और मुनाफा नहीं मिलता इसका कारण है कि कई बार किसानों को सही बीज उपलब्ध नहीं हो पाते हैं. लेकिन, किसान समझदारी से खुद से ही बीज बना सकते है. जिसके तहत फसल के तैयार होते समय ही किसान आसानी से खेत से अगली बुवाई के लिए बीज निकाल सकते हैं. आइये जानते हैं कि किस तरीके से किसान आलू के लिए बीज निकाल सकते हैं.
आलू की खेती खरीफ रबी सीजन में की जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है. अक्टूबर से नवंबर के मध्य लगाई जाने वाली फसल लगभग 3-4 महीने में तैयार हो कर पैदावार देने लगती है. देश के अधिकांश किसान व्यापार लाभ के लिए बड़े पैमाने पर आलू की खेती करते हैं. तो वहीं छोटे और सीमांत किसान भी अतिरिक्त आय और रोजाना खाने के लिए आलू की खेती करते हैं. इन किसानों को हर साल आलू के बीज खरीदने होते हैं कई बार बाजार में कम गुणवत्ता वाले नकली बीज उपलब्ध होते हैं, जिससे किसानों की पैदावार कम होती है और खेती में घाटा उठाना पड़ता है. उन किसानों के लिए बीज की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए बिहार कृषि विभाग ने तरकीब बताई है.
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बिहार कृषि विभाग की तरफ से किए गए ट्वीट के अनुसार यदि किसान फसल से ही आलू के बीज रखना चाहते हैं तो आलू की खुदाई (आलू निकालने) से 20 दिन पहले उसकी सिंचाई पूरी तरह से बंद कर दें और क्यारियों पर उगे ऊपरी पौधे लत्तरों की कटाई आवश्यक रूप से कर लेनी चाहिए. इससे प्राप्त परिपक्व और उच्च गुणवत्ता वाले आलुओं को आप बीजों के लिए रख सकते हैं.
सरकार की ओर से कृषि सेक्टर और किसानों को पैदावार को बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया जाता है जिसके तहत केंद्र और राज्य की सरकारें तरह तरह के टिप्स और ट्रिक्स देती रहती हैं. इन तरीकों से किसानों को लगातार फायदा होगा. बिहार कृषि विभाग ने आलुओं की पैदावार के साथ बीज रखने की भी विधि बताई है जिससे किसान अगले साल के लिए बीज खरीदने के लिए बाजार नहीं जाएंगे बल्कि घर में पहले संरक्षित किए गए बीजों से खेती करेंगें इससे न सिर्फ अच्छी क्वालिटी के बीज प्राप्त होंगे बल्कि किसानों के पैसों की भी बचत होगी.
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